पंडित शशिशेखर त्रिपाठी


ज्येष्ठा नक्षत्र का अर्थ है ज्येष्ठ अर्थात सबसे बड़ा, सर्वोच्च। इसके नाम पर ही हिन्दी मास ज्येष्ठ पड़ा है। तीन तारों से बनी आकृति को दैवीय शक्ति का रक्षा कवच माना जाता है। कुछ विद्वानों ने इसे आदिशक्ति या मां दुर्गा के कान का झुमका माना है। कुल मिलाकर ज्येष्ठा नक्षत्र जगत में व्याप्त शक्तियों के नियंत्रण का प्रतीक है। कवच का सीधा संबंध सुरक्षा से होता है। इसको छतरी से भी दर्शाया गया है। छतरी धूप, वर्षा से भी बचाव करती है। यानी यह छाया देती है और तपन से बचाती है।


ज्येष्ठा नक्षत्र के देवता देवराज इंद्र हैं और बहुत अच्छी फसल के लिए पर्याप्त पानी हो इसके लिए इंद्र की कृपा चाहिए होती है। यह नक्षत्र वृश्चिक राशि में पड़ता है इसलिए जिन लोगों की वृश्चिक राशि है उनका ज्येष्ठा नक्षत्र हो सकता है। ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के अंदर कौन-कौन सी क्वालिटी हैं चलिए आपको बताते हैं।



गुण


ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति भाग्यशाली होते हैं। यह लोग पूर्व जन्म से सुख-सुविधाओं की व्यवस्था करके आते हैं।


इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के अंदर सबसे खास बात यह होती है कि इनकी इच्छा शक्ति बहुत प्रबल होती है। यह लोग जीवन में बहुत कुछ करना चाहते हैं और उसके लिए प्रयास भी करते हैं।


यह लोग ऑफिस हो या समाज हर जगह पर अपनी छवि को बनाकर रखते हैं। यह ऐसा कोई कार्य नहीं करते हैं जिससे कि इनकी बात में हल्कापन हो जाए।


ज्येष्ठा नक्षत्र वाले व्यक्ति दूसरों का दुख दर्द और अभाव मिटाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं। यदि इनको पता लग जाए कि उनका मित्र संकट में है तो वह उसकी हर संभव मदद करने के लिए तैयार रहते हैं।


इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के अंदर मैच्योरिटी बहुत होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो इन लोगों के ऊपर बहुत ही कम उम्र में ही जिम्मेदारीयां आ जाती है। यानी कि इनको बड़ों की तरह व्यवहार करना पड़ता है।


ज्येष्ठा नक्षत्र का व्यक्ति बहुत ही क्रियाशील होता है और सुरक्षा व स्वास्थ्य को लेकर बातें करता रहता है। जैसे उदाहरण लीजिए कि कोई मित्र अगर सिगरेट पीता है तो उससे जब भी मिलेंगे तो सिगरेट छोड़ने की बात कहेंगे और सिगरेट की हानि बताएंगे और पूरा प्रयास करते रहते हैं, कि इसके अंदर जो अवगुण है उसको समाप्त कर दिया जाए।


ज्येष्ठा नक्षत्र वालों के अंदर समय बर्बाद करने की इच्छा नहीं होती है। यह लोग किसी न किसी कार्य में अपने को व्यस्त रखते हैं।


इस नक्षत्र के व्यक्ति किसी एक विषय में बहुत अधिक पारंगत या पोस्ट डॉक्टरेट स्तर के नहीं होते हैं। लेकिन इनके अंदर कई विषयों में पर्याप्त से ज्यादा जानकारी होती है।


सावधानियां


ज्येष्ठा नक्षत्र वाले व्यक्ति को अपने जीवन की तुलना दूसरों के जीवन से नहीं करनी चाहिए। यदि ऐसा करेंगे तो मन में ईर्ष्या की भावना उत्पन्न हो सकती है। हर व्यक्ति को प्रारब्ध के अनुसार ही चीजें प्राप्त होती हैं, इसलिए कंपैरिजन करने की कोई आवश्यकता नहीं है।


इन लोगों का यदि काम न बने या बहुत मन मुताबिक घटना न घटे तो मन खिन्न हो जाता है। इसलिए विषम परिस्थितियों में भी धैर्य का परिचय देते हुए प्रसन्नचित रहना चाहिए।


इनको क्रोध जब आता है तो यह बहुत ज्यादा बोल नहीं पाते हैं या यूं कहें कि नाराज होकर कोप भवन में चले जाते हैं। इसलिए इन लोगों को अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए।



कैसे बढ़ाएं पावर


ज्येष्ठा नक्षत्र वालों की वनस्पति है- चीड़। चीड़ का बहुत ऊंचा वृक्ष होता है। चीड़ के पेड़ से गोंद निकलती है जिसे श्रीवास या गंधविरोजा कहते हैं। इसके वृक्ष से तारपीन का तेल भी निकाला जाता है। प्राचीन आयुर्वेदीय संहिताओं व निघण्टुओं में सरल नाम से चीड़ का वर्णन प्राप्त होता है। इसका फूल और फल मार्च से नवंबर तक होता है। चीड़ा का वृक्ष औषधी में बहुत प्रयोग आता है। इस नक्षत्र के जातक को चीड़ के पेड़ को संरक्षण एवं रोपण के लिए कदम उठाने चाहिए। चीड़ वनस्पति की उपासना, सम्मान, संरक्षण, संवर्धन से शुभ फल प्राप्त होता है।