(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
भाग्यशाली होते हैं पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोग, बचपन से ही होती है नेतृत्व करने की क्षमता
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र सिंह राशि में पड़ता है इसलिए जिन लोगों की भी सिंह राशि है उनका पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र हो सकता है। इस नक्षत्र के देवता भग हैं।
पंडित शशिशेखर त्रिपाठी
पूर्वाफाल्गुनी का अर्थ होता है चारपाई, दीवान या तखत के आगे वाले दो पाव। इसको ऐसे भी समझ सकते हैं कि इसके पहले वाला नक्षत्र मघा था। मघा का अर्थ है सिंहासन और उसके बाद आया है पूर्वाफाल्गुनी यानी चारपाई इसका तात्पर्य यह है कि इस नक्षत्र को विश्राम का नक्षत्र भी कहते हैं। इस नक्षत्र के देवता भग हैं।
भग देवता को भोर का तारा या मॉर्निंग स्टार भी कहते हैं। यह सूर्य की माता अदिति के बारह पुत्रों में से एक हैं। यानी सूर्य के भाई हैं। भग को सुख, वैभव, आनंद प्रदान करने वाला माना जाता है। यह नक्षत्र सिंह राशि में पड़ता है इसलिए जिन लोगों की भी सिंह राशि है उनका पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र हो सकता है। चलिए अब जानते हैं कि पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र वालों के अंदर क्या खास बात है और कौन-कौन से गुण उनमें विद्यमान होते हैं।
गुण
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति भाग्यशाली होते हैं और समाज के द्वारा इनको सम्मान भी प्राप्त होता है।
इनके भीतर आत्मविश्वास बहुत ज्यादा होता है और इनमें नेतृत्व करने की क्षमता बचपन से ही होती है।
इस नक्षत्र में जन्मे लोग पुराने विवादों को समाप्त कराने की क्षमता रखते हैं, इसलिए मध्यस्थता में इनकी उपयोगिता बहुत होती है।
ऐसे लोगों को ऑफिस में सामूहिक जिम्मेदारी वाले कामों की बजाए एकल जिम्मेदारी वाले काम लेने चाहिए क्योंकि यह अकेले बड़ी जिम्मेदारी निभाने में एक्सपर्ट होते हैं।
इस नक्षत्र वाली जो महिलाएं गृहणि है उनको रसोई में बहुत ज्यादा हस्ताक्षेप पसंद नहीं होता या यूं कहें कि वो अकेले जितना अच्छा कार्य कर पाती है, अधिक लोग कार्य करते हैं तो उनको असुविधा होती है।
इस नक्षत्र का संबंध शिवलिंग की उपासना से भी है। शिवलिंग पर नित्य दुग्ध मिश्रित जल चढ़ाना, रुद्राभिषेक करना, लिंगाष्टक का नित्य पाठ करना या फिर ओम नमः शिवाय का जाप करना ऐसे लोगों को बहुत पसंद होता है और करना भी चाहिए।
वैसे यह लोग बहुत ज्यादा खोजी प्रवृत्ति के नहीं होते हैं और न ही बहुत ज्यादा ज्ञान लेने और न ही नई चीजों को सीखने में रुचि रखते हैं। मूलभूत यह लोग सुख को ज्यादा वरीयता देते हैं या यूं कहें कि इनकी लिस्ट में सुख काफी ऊपर होता है।
इनका अपना एक दायरा और अपनी दुनिया होती है। यह उस दुनिया में बहुत ही आनंदित रहते हुए अपने जीवन का निर्वाह कर सकते हैं।
ऐसे लोगों की प्रियॉरिटी लिस्ट में धन सबसे ऊपर नहीं होता है, इनके लिए इनका सुख और सम्मान ही सर्वोपरि होता है।
सावधानियां
यह लोग आज के जमाने में गैर जरूरी चीजों पर अपना फोकस रखते हैं। जिससे इन्हें जीवन में परेशानियों का सामना करना सकता है।
कई बार यह अपने सिद्धांतों को लेकर अड़ जाते हैं। जिससे इनके हाथ से अवसर निकलने की आशंका बन प्रबल हो जाती है।
इनको बातें बहुत लग जाती है। छोटी-छोटी बातों को यह अपने आत्मसम्मान से जोड़ लेते हैं। यह किसी का विनोद भी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। ऐसे व्यक्ति को वेट करने में भी दिक्कत होती है।
कैसे बढ़ाएं पावर
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्में लोगों की वनस्पति है ढाक। इसका पौराणिक नाम है पलाश। इसको टेसू के नाम से भी जानते हैं। इसके फूल बहुत ही आकर्षक होते हैं। इनके फूल लाल और पीले रंग के शेड में होते हैं ऐसा लगता है कि पेड़ में आग लगी है। इन आकर्षक फूलों के कारण इसे 'जंगल की आग' भी कहा जाता है। पलाश का फूल उत्तर प्रदेश का राज्य पुष्प है। होली के रंग इसके फूलों से तैयार किये जाते रहे हैं। पलाश के पेड़ लगाने चाहिए इससे नक्षत्र बलवान होता है। व्यक्ति में आत्मबल और प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।