पुष्य नक्षत्रों का राजा है। पुष्य नक्षत्र होने से मुहूर्त के कई दोष स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं। पुष्य का अर्थ है पोषण करने वाला। ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने वाला। उसको पुष्प का बिगड़ा रूप मानते हैं। पुष्य को शुभ, सुंदर, सुख-संपदा देने वाला माना जाता है। विद्वान इसे गाय का थन भी मानते हैं। इनके विचार से गाय का दूध पृथ्वी लोक का अमृत है।


गाय के दूध का सेवन करने से तन-मन को पोषण मिलता है और चित्त में प्रसन्नता होती है। गाय में सभी देवी-देवताओं का वास है। यह नक्षत्र कर्क राशि में पड़ता है और कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा होता है। चंद्रमा को माता का कारक मानते हैं। पुष्य नक्षत्र के देवता, देव गुरु बृहस्पति है इसीलिए गुरू पुष्य नक्षत्र बहुत शुभ होता है। पुष्य नक्षत्र का प्रयोग औषधि निर्माण में भी किया जाता है इसलिए जिन लोगों का यह नक्षत्र है उनकी चिकित्सा क्षेत्र में बहुत उपयोगिता होती है।



गुण


पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति बहुत लोकप्रिय होता है और लोगों द्वारा बहुत स्नेह किया जाता है। इनका लोगों के प्रति व्यवहार बहुत प्रेम पूर्ण होता है इसीलिए सभी के पसंदीदा व्यक्ति होते हैं।


पुष्य नक्षत्र वाले व्यक्ति को धन का प्रलोभन देकर कोई काम नहीं कराया जा सकता। ऐसे व्यक्ति को घूस देना और लेना दोनों ही बिल्कुल पसंद नहीं है।


पुष्य नक्षत्र के व्यक्ति बहुत ही विश्वसनीय होते हैं। इनको ऑफिस या सामाजिक क्षेत्र के बड़े दायित्व दिये जा सकता हैं।


इस नक्षत्र वाले लोग अपने परिवार को चलाने के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी परिवार चलाने में मदद करते हैं।


यह नक्षत्र सकारात्मकता से भरा हुआ है। नकारात्मक या विषम स्थिति में पुष्य वालों की सोच बहुत पॉजिटिव होती है। यह लोग विषम परिस्थिति में भी अपना विवेक नहीं खोते हैं।


ऐसे लोग सुरक्षात्मक प्रकृति के होते हैं। कोई भी कार्य करेंगे तो उस कार्य में सुरक्षा कितनी है इसका भी अवलोकन करते हैं। ऐसे लोग बहुत केयर करने वाले होते हैं।


उदाहरण लेते हैं, यह लोग किसी को स्टेशन छोड़ने जाएं और ट्रेन चलने से पहले उस व्यक्ति को सुरक्षा के टिप्स जरूर दे देते हैं। जैसे अपना लगेज संभाल के रखना, पहुंचकर फोन करना और खुद भी केयर करते हैं। अगर सामने वाला पहुंचकर फोन करने में लेट हो जाए तब तक यह खुद फोन कर लेते हैं।


पुष्य नक्षत्र वालों को गलती का अहसास होते ही वह इसे तत्काल सुधारने के लिए तत्पर हो जाते हैं। दूसरे शब्दों में यह खुद को अपडेट करते रहते हैं।


सावधानियां


इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति को अपने स्टेटस को लेकर अहंकार नहीं होना चाहिए और न ही किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए।


पुष्य नक्षत्र वालों को चालाक लोग अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में फंसाकर उधार लेकर रफूचक्कर हो जाते हैं।


इनको अपने प्रोफेशन में इमोशन बहुत अधिक नहीं लाने चाहिए। ऐसा न करने से इनको ऑफिस में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कुल मिलाकर प्रोफेशनल जगह प्रोफेशन और इमोशनल जगह इमोशनल रहें।


कैसे बढ़ाएं पावर


पुष्य नक्षत्र में जिन लोगों का जन्म हुआ है उनके लिए वनस्पति है पीपल। आप पीपल के वृक्ष के विषय में तो पहले से ही जानते हैं। श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि वृक्षों में मैं पीपल हूं। पीपल का पौराणिक नाम अश्वत्थ है। इसका भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। इस नक्षत्र वाले लोगों को एक बात जीवन में गांठ बांध लेनी चाहिए कि कभी भी पीपल का पेड़ नहीं काटना है। यहां तक कि जो छोटे पीपल पौधे निकल आते हैं, उनको भी अपने हाथों से कतई न निकालें। अधिक से अधिक पीपल के वृक्ष लगाने चाहिए।





एक खास बात ध्यान रखनी है कि पीपल का पेड़ मार्ग के बीच में न लगाएं और न ही किसी के मकान से सटाकर लगाएं। इस वृक्ष को बहुत जिम्मेदारी से उपयुक्त स्थान पर ही लगाना चाहिए। ताकि कभी इस देव तुल्य वृक्ष को काटने का विचार तक न आए। यदि पीपल का वृक्ष लगा नहीं सकते हैं तो जहां कहीं भी पीपल का वृक्ष है उसकी सुरक्षा से जुड़े कदम उठाने चाहिए।