पंडित शशिशेखर त्रिपाठी


रेवती का अर्थ है धनाढ्य और प्रतिष्ठित व्यक्ति अर्थात भगवान विष्णु से प्राप्त योग, सत्य, सौभाग्य तथा अमृत रूपी प्राप्त धन। धन वैभव का नाम लक्ष्मी भी है। लक्ष्मी के आठ रूप हैं- 1-आदि लक्ष्मी, 2- विद्या लक्ष्मी, 3-सौभाग्य लक्ष्मी, 4-अमृत लक्ष्मी, 5-काल लक्ष्मी, 6- सत्य लक्ष्मी, 7-भोग लक्ष्मी, 8- योग लक्ष्मी। अतः धन का अर्थ माता लक्ष्मी से है।


लक्ष्मी के अन्तिम नाम 'योग लक्ष्मी' का संबंध, भचक्र के अन्तिम नक्षत्र रेवती से है। रेवती को शुभ परिवर्तन लाने वाला नक्षत्र कहते हैं। यह लौकिक से परलौकिक तक जोड़ने वाला नक्षत्र होता है। नगाड़े को रेवती का चिह्न माना गया है। जिसका प्रयोग प्राचीन काल में किसी महत्वपूर्ण जानकारी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किया जाता था। इस प्रकार यह नक्षत्र संचार व्यवस्था, पत्रकारिता के साथ भी जुड़ा है।


इस नक्षत्र के देवता पूषा को माना गया है, जो सूर्य का ही एक नाम है। यह प्रकाश के देवता हैं। पूषा को पोषण करने वाला, संकट व भय से बचाने वाला तथा धन, वैभव सुख व सफलता देने वाला देवता माना जाता है। रेवती नक्षत्र मीन राशि में पड़ता है और इसी नक्षत्र से राशि व नक्षत्र दोनों समाप्त हो जाते हैं। इसलिए जिन लोगों की मीन राशि है, उनका रेवती नक्षत्र हो सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि रेवती नक्षत्र में जो लोग जन्म लेते हैं उनके अंदर कौन-कौन से गुण विद्यमान होते हैं।



गुण


इस नक्षत्र के लोग विषम परिस्थितियों में भी अपना मानसिक संतुलन व धैर्य नहीं खोते हैं, बल्कि परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना लेते हैं।


कठिनाइयों के चलते यह लोग कभी निराश व हताश नहीं होते हैं क्योंकि परमात्मा पर इनका अटूट विश्वास होता है। यही विश्वास इन लोगों में आशा, उत्साह व उमंग का संचरण कराता है।


यह लोग निष्कपट व संवेदनशील होने के कारण दीन दुखियों की सेवा व उनके दुख-दर्द मिटाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।


इस नक्षत्र के लोग सभ्य, सौम्य, सद्गुणी होते हैं और अपने शिष्ट व्यवहार से सभी का स्नेह प्राप्त करते हैं और लोकप्रिय होते हैं।


यह लोग अन्य लोगों की समस्या का समाधान करने में सक्षम होते हैं।


इस नक्षत्र के लोग समाज का कल्याण चाहने वाले होते हैं। समाज की कुरीतियों का विरोध करने वाले होते हैं।


यह लोग समाज को तोड़ने में नहीं बल्कि जोड़ने में विश्वास रखते हैं। इन लोगों के लिए संबंध सबसे महत्वपूर्ण होता है। परस्पर स्नेह, सौहृार्द व सहयोग की भावना को यह सबसे ज्यादा महत्व देते हैं।


रेवती नक्षत्र वाले व्यक्ति अति भावुक और संवेदनशील होते हैं, इसलिए दूसरों के कष्टों को बिल्कुल देख नहीं पाते और उनके कष्टों को दूर करने के लिए आगे आ जाते हैं।


सावधानियां


भावनात्मक स्वभाव के कारण लोग इनका अतिलाभ उठा लेते हैं। कई बार तो लोग पीड़ित बनकर इनसे धन ले लेते हौं। इसलिए दान करते समय सुपात्रता देखना जरूरी है।


कभी-कभी इस नक्षत्र के व्यक्ति दूसरों को लाभ दिलाने के लिए कुछ ऐसे कार्य कर जाते हैं जिससे लाभान्वित होने के बजाय इनको नुकसान हो जाता है।


इस नक्षत्र में जन्म लेने वालों को प्रपंच और कपट से दूर रहना चाहिए। कई बार संगत खराब होने के कारण इनके मन में कपट का भाव आ सकता है, जो नुकसानदेह हो जाता है।



कैसे बढ़ाएं पावर


महुआ एक भारतीय उष्णकटिबंधीय वृक्ष है जो उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और जंगलों में बड़े पैमाने पर पाया जाता है। इसके तेल का प्रयोग त्वचा की देखभाल, साबुन या डिटर्जेंट का निर्माण करने के लिए किया जाता है। इसका औषधीय गुणों के लिए उपयोग किया जाता है, इसकी छाल से भी दवाएं बनती है। रेवती नक्षत्र के लोग इस पेड़ को आसपास स्थित बागीचों में लगा सकते हैं इससे उन्हें लाभ होगा।