पंडित शशिशेखर त्रिपाठी 


रोहिणी नक्षत्र को चंद्रमा की अमृत शक्ति का बीज माना जाता है। यह नक्षत्र चार तारों से मिलकर बनता है। ऋषियों ने रोहिणी को विशेष सम्मान दिया है और रोहिणी नक्षत्र में प्रजापति ब्रह्मा का वास मानते हैं। उनके तारों की आकृति बैलगाड़ी की आकृति की तरह होती हैं और रोहन शब्द का प्रयोग सवारी करने से होता है। रोहन शब्द का अर्थ वृद्धि विकास उच्चताप पाना होता है। रोहिणी का शाब्दिक अर्थ लाल गाय है। रोहिणी नक्षत्र के देवता ब्रह्मा होते हैं। रोहिणी नक्षत्र वृष राशि में होते हैं। इसलिए वृष राशि वालों का रोहिणी नक्षत्र हो सकता है। भगवान श्रीकृष्ण का नक्षत्र भी रोहिणी था।


रोहिणी नक्षत्र के लोग काफी कल्पनाशील होते हैं। इस नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा होता है। रोहिणी नक्षत्र के देवता ब्रह्मा हैं और ब्रह्मा प्रकृति के क्रिएटर हैं। अब प्रकृति इतनी सुंदर है तो आप ब्रह्मा के गुणों स्वतः ही समझ गए होंगे। रोहिणी नक्षत्र का संबंध कृषि और सभ्यता के विकास से भी जोड़ा जाता है। इस नक्षत्र के लोग चंचल स्वभाव के होते हैं और स्थायित्व इन्हें रास नहीं आता। इनकी सबसे बड़ी कमी यह होती है कि ये कभी एक ही मुद्दे या राय पर कायम नहीं रहते। ये लोग स्वभाव से काफी मिलनसार होते हैं। चलिए अब इस नक्षत्र में जो लोग जन्म लेते हैं उनके गुणों के विषय में प्रकाश डालते हैं।



गुण


रोहिणी नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति प्रकृति प्रेमी और प्रकृति का पुजारी होता है। पर्यावरण को लेकर यह बहुत ही संवेदनशील होता है।


रोहिणी नक्षत्र वालों की आंखें सुंदर होती हैं।


रोहिणी नक्षत्र में जन्मे जातक सुन्दर एवं मीठा बोलने वाले होते हैं। रोहिणी नक्षत्र वाले व्यक्ति रोमांटिक होते हैं।


रोहिणी नक्षत्र वाले दिल से काम ज्यादा करते हैं और इसीलिए यह बहुत जल्दी लोगों पर विश्वास कर लेते हैं।


रोहिणी नक्षत्र वाले कल्पनाशील होते हैं और सृजनात्मक प्रकृति के होते हैं। नई-नई चीजों को ईजाद कर सकतं हैं।


रोहिणी नक्षत्र वालों में एक खास बात और होती है कि यह अगर किसी प्रोजेक्ट से जुड़ जाएं तो उसकी कमियों को खोजकर उसका समाधान करते हुए उस प्रोजेक्ट को बहुत ही नियम से और संतुलित होकर बहुत अच्छे परिणाम दिलाने की क्षमता रखते हैं।


घर और कार्य क्षेत्र में व्यवस्थित रहना ही पसंद करते हैं। गन्दगी से नफरत है।


स्वभाव से कोमल और सौन्दर्य के प्रति लगाव आपके प्रमुख गुणों में से एक है।


सावधानियां


रोहिणी नक्षत्र वाले व्यक्ति को जल्दी किसी पर विश्वास नहीं करना चाहिए। ऑफिस के लोगों को अपनी गुड बुक में बिना जांचे परखे शामिल नहीं करना चाहिए।


ऐसे व्यक्तियों को इमोशनल बैल्कमेलिंग से बचना चाहिए।


कोई भी कार्य भावना में बहकर नहीं करना चाहिए अन्यथा बाद में परिणाम ठीक नहीं होते हैं।



कैसे पढ़ाएं पावर


रोहिणी नक्षत्र वालों के प्रकृति प्रेम का पूर्ण लाभ लेना चाहिए। ब्रह्मा देवता होने के कारण प्रकृति के अनुरूप कार्य करना इनके लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। इनके लिए शुभ वनस्पति जामुन है। जिसका पौराणिक नाम जम्बु है। जामुन बहुत ही सरलता से उगने वाला वृक्ष है। साथ ही सभी जगह पाया जाता है। जामुन का फल बहुत ही लाभकारी होता है और साथ ही गणपति को भी प्रिय है इसीलिए श्लोक है जम्बु फल भक्षणम्। यह मधुमेह की श्रेष्ठ औषधि होती है। यही नहीं जामुन का सिरका भी अति लाभकारी होता है। कुल मिलाकर रोहिणी नक्षत्र वाले व्यक्ति को अपने जीवन में अधिक से अधिक जामुन के पेड़ लगाने चाहिए। इसके साथ ही जामुन के पेड़ की सेवा भी निरंतर करते रहें। जामुन के पौधे उपहार में दे सकते हैं।