पंडित शशिशेखर त्रिपाठी


शतभिषा का अर्थ है 100 चिकित्सक, 100 औषधियां या 100 उपचार-कर्ता जीवन में जो रोग, दुख, कष्ट या पीड़ा है उसको मिटाने के लिए दैवीय व्यवस्था में औषधि व उपकरण से सज्जित 100 चिकित्सकों के दल की रचना हुई है। इस नक्षत्र को शततारा भी कहते हैं। शततारा का अर्थ होता है 100 तारों वाला नक्षत्र।


विद्वानों ने शतभिषा को वृत्ताकार माना है। एक ऐसा व्रत जो भीतर से रिक्त या शून्य है। कुछ विद्वान इसे चमत्कारी कड़ा भी मानते हैं। जो चीज घेरे में हैं उसमें एक रहस्य होता है और गोपनीयता छुपी हुई होती है। शतभिषा नक्षत्र का देवता, जल, बादल व वर्षा का स्वामी वरुण हैं। शतभिषा नक्षत्र कुंभ राशि में पड़ता है, इसलिए कुंभ राशि वालों का यह नक्षत्र हो सकता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि शतभिषा नक्षत्र में जन्मे लोगों के अंदर कौन-कौन से गुण होते हैं।



गुण


शतभिषा नक्षत्र के लोग, जीवन और सृष्टि चक्र का भेद पा लेते हैं। यानी इनके अंदर पूरे जीवन का जो कारण है, उसको समझने की क्षमता होती है। यह दार्शनिक प्रवृत्ति के होते हैं।


शतभिषा नक्षत्र में जन्मे लोग जो भी कार्य करते हैं उसको कुछ गोपनीय तरीके से करते हैं। यानी यह लोग अपना कार्य बहुत ज्यादा सार्वजनिक नहीं करते हैं और कंप्लीट होने के बाद ही लोगों को बताते हैं। इसका एक दूसरा पक्ष यह भी है कि ये लोग इस संसार में आध्यात्मिक रूप से अपना कार्य करते हुए गोपनीय तरीके से आगे बढ़ते रहते हैं।


नकारात्मक विषम परिस्थिति में भी एक सकारात्मक भविष्य की कल्पना करने में सक्षम होते हैं। यही नहीं ये लोग अपनी मेहनत से स्थितियों को ठीक कर लेते हैं।


इनके अंदर कम्युनिकेशन के भी अद्भुत गुण होते हैं। यह लोग मीडिया जगत व पत्रकारिता के क्षेत्रों में अपने गुणों का बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं। यदि इस प्रोफेशन में न हों तो भी इनके पास जमाने भर की खबरें होती हैं। या यूं कहें कि यह लोग काफी अपडेट रहते हैं।


इन लोगों को जब भी कोई महत्वपूर्ण कार्य करना होता है तो यह एकांत में जाकर उसको करना अधिक पसंद करते हैं। वैसे इस नक्षत्र वाले व्यक्तियों को एकांत ज्यादा पसंद होता है। यह लोग अकेले बैठकर बहुत अच्छा सोच लेते हैं और अपने काम को बहुत अच्छे तरीके से कर भी लेते हैं।


यह लोग उलझी हुई गुत्थी को सुलझाने में एक्सपर्ट होते हैं। किसी भी प्रकार की हत्या, डकैती, लूट आदि के रहस्य तक पहुंचने में यह लोग दक्ष होते हैं।


इस नक्षत्र के लोगों में एक विचित्र और अद्भुत आकर्षण होता है। भले ही यह लोग रंग रूप में सामान्य हों फिर भी सभी का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल होते हैं।


यदि इस नक्षत्र वाला व्यक्ति डॉक्टर हो जाए तो वह बहुत ही योग्य डॉक्टर होता है और यदि डॉक्टर न हो तो भी चिकित्सा संबंधित ज्ञान में रुचि रखता है।


सावधानियां


शतभिषा नक्षत्र के व्यक्ति का मूड बहुत जल्दी खराब हो सकता है। यह लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर अपसेट हो जाते हैं और क्रोधित होकर आक्रामक बर्ताव करने लगते हैं। इसलिए इन लोगों को शांत रहना चाहिए।


कई बार इनके अंदर बेवजह का संदेश यानी शंका करने का स्वभाव आ जाता है जिसके कारण इन्हें परेशानियां उठानी पड़ती हैं। कोशिश करें कि अपने जीवन में अनावश्यक रूप से तनाव की स्थिति न पैदा करें।


इस नक्षत्र के व्यक्तियों में कभी-कभी नशाखोरी व मादक पदार्थों के सेवन का दुर्गुण आ जाता है। इसको लेकर इन लोगों को सचेत रहना चाहिए। इसलिए इन लोगों को अपनी संगत पर विशेष ध्यान रखना होगा।



कैसे बढ़ाएं पावर


शतभिषा नक्षत्र का वृक्ष होता है कदम्ब। यह मुख्य रूप से अंडमान, बंगाल तथा असम में पाया जाता है। यह पेड़ बहुत जल्दी बढ़ता है। कदम्ब कई तरह के होते हैं जैसे राजकदम्ब और कदम्बिका आदि कई नामों से जाना जाता है। भगवान श्री कृष्ण कदम्ब के पेड़ के नीचे ही रहकर अपनी बांसुरी बजाया करते थे। इस पेड़ का जितना धार्मिक महत्व है उससे कई अधिक इसका फायदा आपकी सेहत से भी जुड़ा हुआ है। इसकी पत्ती, छाल, फल समान मात्रा में लेकर काढ़ा पीने से डायाबिटीज ठीक होता है। कदम्ब का वृक्ष इस नक्षत्र वाले को लगाना चाहिए। उनको खाद पानी देना चाहिए और सेवा करनी चाहिए।