स्वाति का अर्थ है शुभ नक्षत्र पुंज। चंद्रमा के स्वाति नक्षत्र में होने पर हुई वर्षा को बहुत शुभ माना जाता है। नन्हे पौधों की शाखाओं का हवा में झूलना स्वाति नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह है। नन्हे पौधों की शाखाएं कोमलता और निर्मलता को दर्शाती हैं। ऐसा जातक स्वतंत्रता व स्वावलंबन पाने का इच्छुक होता है।


स्वाति नक्षत्र के देवता पवन देव हैं। स्वाति नक्षत्र तुला राशि में पड़ता है, इसलिए जिन लोगों की तुला राशि है उनका स्वाति नक्षत्र हो सकता है। स्वाति नक्षत्र का संबंध विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती से भी है। देवी सरस्वती को सभी प्रकार की विद्या प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। तो चलिए अब जानते हैं कि स्वाति नक्षत्र वालों के अंदर क्या-क्या क्वालिटी होती है।



गुण


स्वाति नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति मौलिक विचारों का बहुत धनी होता है। यह कल्पनाशील होते हैं, और सत्य निष्ठा इनके अंदर पर्याप्त मात्रा में होती है।


डिप्लोमैटिक रूप से यह लोग काम करने में बहुत ही पारंगत होते हैं।


यह लोग विवादास्पद स्थिति को भी बिना विवाद किए, शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त करने की क्षमता रखते हैं।


ऐसे लोग निर्णय तो सटीक लेते हैं, लेकिन इन्हें निर्णय लेने में थोड़ा सा समय चाहिए होता है, ताकि अच्छे तरीके से विचार करके ही कोई निर्णय कर सकें।


यह लोग दीर्घकालिक योजना बनाने में बहुत माहिर होते हैं। इन्हें लक्ष्य प्राप्त करने की कोई जल्दी नहीं होती है। इनमें धैर्य पर्याप्त मात्रा में होता है।


स्वाति नक्षत्र वाले प्रायः मुस्कुराते हुए, और प्रसन्न चित्त चेहरे के साथ रहते हैं। यह लोग हंसमुख, मिलनसार, प्रभावशाली और व्यक्तित्व के धनी होते हैं।


यह लोग टीम के साथ बहुत अच्छा रिजल्ट देते हैं। टीम को बहुत ही व्यवस्थित तरीके से कार्य कराते हुए, अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं।


इस नक्षत्र के लोग इंतजार करने के मामले में बिल्कुल परफेक्ट होते हैं। किसी भी लाभ को आने में यदि विलंब होता है, तो उसकी प्रतीक्षा करके लाभ प्राप्त कर लेते हैं।


सावधानियां


स्वाति नक्षत्र वाले व्यक्ति को तुरंत निर्णय लेने में असुविधा होती है क्योंकि यह संतुलन को बहुत वरीयता देते हैं, जिसकी वजह से तुरन्त निर्णय नहीं ले पाते हैं।


इन लोगों को अपने कम्युनिकेशन को कंप्लीट करने की आदत बनानी चाहिए। जैसे एक उदाहरण लेते हैं- यदि किसी को कोई काम कहें तो यह भी सुनिश्चित कर लें कि, जो काम आपने उसको बताया था वह काम पूरा हो गया है कि नहीं इसको कन्फर्म कर लें।


इस नक्षत्र वाले लोगों में आत्मविश्वास की थोड़ी कमी रहती है, इसलिए इनको प्रेरणा स्रोत की परम आवश्यकता है।



कैसे बढ़ाएं पावर


अर्जुन वृक्ष भारत में पाया जाने वाला एक औषधीय वृक्ष है। हृदयरोग के लिए अर्जुन की छाल बहुत उपयोगी होती है। या यू कहें की हृदय को मजबूत करने के लिए अर्जुन बहुत ही उपयोगी होता है। अर्जुन से हृदय की पेशियों को बल मिलता है। स्वाति नक्षत्र के लोगों को अर्जुन के वृक्ष लगाने चाहिए उनको खाद पानी देना चाहिए और उनकी उपासना करनी चाहिए। यदि स्वाति नक्षत्र वालों को हृदय रोग कि समस्या हो या फिर आत्मबल कमजोर रहता हो तो अर्जुन की छाल को रात में पानी में भिगोकर सुबह छानकर उसका रस पीना चाहिए, इससे उनको लाभ प्राप्त होगा।