पंडित शशिशेखर त्रिपाठी 


उत्तराफाल्गुनी का अर्थ मंच या दीवान या तख्त के पिछले दो पाए हैं। जैसे पूर्वाफाल्गुनी में आगे के दो पाए थे इसमें पीछे के दो पाए हैं। इस नक्षत्र में बहुत सी बातें पूर्वाफाल्गुनी से मिलती-जुलती हैं। विश्राम, ताजगी और ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने का प्रयास उत्तराफाल्गुनी का गुण होता है।


उत्तराफाल्गुनी को इस तरीके से समझिए कि जैसे कोई मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैंग हो जाए या बहुत स्लो काम करने लगे तो हम लोग उसको री स्टार्ट कर देते हैं। किसी भी सिस्टम को दोबारा री स्टार्ट करने पर वह फिर से ऊर्जावान होकर स्टार्ट हो जाता है। जैसे हम लोग सो कर सुबह उठते हैं तो बिल्कुल फ्रेश होते हैं। इस प्रकार उत्तराफाल्गुनी का गुण है कि पुनः काम पर चलने के लिए ऊर्जावान होना।


उत्तराफाल्गुनी के देवता अर्यमा होते हैं। ये सूर्य के भाई हैं। अर्यमा को दया, करुणा, अनुग्रह, कृपा सहयोग देने वाला देवता माना गया है। यह नक्षत्र सिंह राशि और कन्या राशि दोनों को जोड़ने वाला नक्षत्र होता है। इसलिए जिन लोगों की सिंह राशि या कन्या राशि है उनका उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र हो सकता है। तो चलिए अब उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के स्वभाव को जानते हैं।



गुण


उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोग प्रेमी, मिलनसार होते हैं। सबको साथ लेकर चलने की कला इनके अंदर बहुत होती है।


किसी का कष्ट देखकर यह स्वयं दुखी हो जाते हैं इसलिए यह बहुत मददगार होते हैं और मुसीबत में लोगों के काम आने वाले होते हैं।


जैसे दो लोग विवाद कर रहे हो तो उत्तराफाल्गुनी वाले विवाद को खत्म कराने का पूरा प्रयास करेगें। और अंत में यह प्रयास करेगा कि दोनों लोग हाथ मिलाए, गले मिले और प्रेम के साथ गिले-शिकवे दूर करें।


ये लोग जीवन की ज्यादा चकाचौंध में नहीं फंसते हैं। इनका सीधा सिद्धांत होता है- सादा जीवन उच्च विचार।


इन लोगों को पेड़-पौधों के साथ रहना बहुत पसंद होता है इसलिए उत्तराफाल्गुनी वाला व्यक्ति अपने घर में पेड़ पौधे, गार्डन या गमले आदि की व्यवस्था करने का पूरा प्रयास करते हैं।


यह लोग इमोशनल हठी होते हैं या यू कहें कि यह पूर्वाग्रह जल्दी पाल लेते हैं।


ऐसे व्यक्तियों को किसी चीज का प्रलोभन देकर विश्वासघाती नहीं बनाया जा सकता है क्योंकि यह विश्वासघात को बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं, इनसे ऐसी बात करने पर यह क्रोधित हो जाते हैं।


यह लोग ब्रांडिग करने में बहुत कुशल होते हैं। अपनी कंपनी का प्रचार-प्रसार करते हुए जन-जन तक पहुंच बनाने की काबलियत रखते हैं।


सावधानियां


ऐसे लोग अपना विरोध नहीं सुन पाते हैं। यदि कहीं इनके विरुद्ध कोई बात हो रही हो तो यह बहुत क्रोधित हो जाते हैं। और क्रोधित होकर यह असंतुलित भी हो जाते हैं और कोई भी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।


इनको अपने पारिवारिक जीवन में सुख शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए। साथी ही लव और केयर में अंतर समझना चाहिए।


ऐसे लोगों को महिलाओं को शत्रु नहीं बनाना चाहिए। अन्यथा लोक लाज की हानि हो सकती है।



कैसे बढ़ाएं पावर


पिलखन, पाकड़ इसका वृक्ष है। पौराणिक नाम प्लक्ष है। यह पूरे भारत में पाया जाता है। यह पेड़ में पंचपल्व में शामिल है। इसको बाहर पार्क में लगाना चाहिए। यह छायादार वृक्ष है। इसकी सेवा करना उसको जल देना चाहिए। खुली जगह जहां पर छाया की आवश्यकता हो वहां पर पाकड़ लगवाना चाहिए। इसकी लकड़ी का बहुत प्रयोग होता है।