(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
विजय प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं विशाखा नक्षत्र में जन्मे लोग, इन कमियों की वजह से होते हैं परेशान
विशाखा नक्षत्र वाले व्यक्ति नई-नई चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उन पर विजय प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं। विशाखा नक्षत्र वाले अपने शत्रुओं को पराजित करने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं।
पंडित शशिशेखर त्रिपाठी
विशाखा नक्षत्र में मुख्य रूप से चार तारे हैं जो एक आयताकार मेज की तरह बनते हैं। संस्कृत में विशाखा शब्द कार्तिकेय के लिए प्रयुक्त हुआ है। धनुर्धारी के बाण संधान के समय की मुद्रा, एक पाव आगे और एक पाव पीछे, नेत्र लक्ष्य की ओर इसे कहते हैं विशाखा। भगवान शिव को भी विशाखा कहते हैं।
कुछ विद्वान कृष्ण की प्रिया राधारानी की सखी व राधा जी के प्रतिरूप को विशाखा मानते हैं। उनका मत है कि किसी भी वृक्ष की शाखाएं तो अनेक हो सकती हैं किंतु विशेष शाखा यानी विशाखा तो एक ही होती है और कुछ जगह विशाखा को विष का पात्र भी माना जाता है। सुसज्जित प्रवेश द्वार को भी विशाखा कहते हैं।
विशाखा नक्षत्र के देवता इंद्र और अग्नि हैं। यह तुला राशि और वृश्चिक राशि को जोड़ने वाला नक्षत्र है। इसलिए जिन लोगों की तुला, वृश्चिक राशि है उन लोगों का नक्षत्र विशाखा हो सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि विशाखा नक्षत्र वालों के अंदर क्या-क्या गुण होते हैं।
गुण
विशाखा नक्षत्र वाले व्यक्ति नई-नई चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उन पर विजय प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं।
विशाखा नक्षत्र वाले अपने शत्रुओं को पराजित करने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं। फिर चाहे वह शत्रु सामाजिक हो या फिर मन के भीतर छिपे शत्रुओं जैसे- ईर्ष्या, द्वेष, मोह आदि ही क्यों न हो।
इनकी संकल्प शक्ति मजबूत होती है, इसलिए किसी भी बुरी आदत को ये तत्काल प्रभाव से छोड़ देते हैं।
विशाखा नक्षत्र वाले लोगों के अंदर समर्पण भाव भी बहुत होता है। यदि वे किसी को अपना घनिष्ठ मान लेते हैं तो पूरी ईमानदारी के साथ उसकी हर परिस्थिति में उपस्थित रहते हैं। इनके समर्पण में किन्तु-परन्तु का कोई स्थान नहीं होता है।
इस नक्षत्र के जो देवता हैं वो इंद्र और अग्नि हैं, इसलिए इनके भीतर राजसी तत्व भी होता है। अग्नि की तरह पराक्रम भी मौजूद रहता है। किसी भी सुख-सुविधा को प्राप्त करने के लिए ये कठोर परिश्रम करते हैं।
विशाखा नक्षत्र में जन्में व्यक्ति दृढ़ निश्चयी होते हैं। ये जो ठान लेते हैं उसको अंजाम तक पहुंचाने के बाद ही दम लेते हैं। दरअसल, विशाखा को अगर एक शब्द में प्रकट करना है तो वह शब्द है दृढ़ता।
इस नक्षत्र के लोग अपना लक्ष्य प्राप्त करने के बाद भी सुख या संतोष के साथ नहीं बैठते हैं, बल्कि तुरंत ही अन्य लक्ष्य बना लेते हैं और निरंतर कार्य की प्रक्रिया में आगे बढ़ जाते हैं।
ये लोग धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं, इसलिए अपनी परंपरा एवं धर्म-कर्म को पूरे भाव के साथ करते हैं।
सावधानियां
विशाखा नक्षत्र में जन्मे जातक को क्रोध शीघ्र ही आ जाता है। विपरीत बात इनसे सहन नहीं होती है और बिना-सोचे समझें परिणाम की चिंता किये बिना ही ये सामने वाले से टकरा जाते हैं।
कई बार ऐसा हो सकता है कि विशाखा नक्षत्र वाला व्यक्ति छोटी-छोटी समस्याओं में उलझकर अपना समय बर्बाद कर दे, जिससे बड़े अवसर उसके हाथ से निकल जाएं। इस बात पर इन लोगों को ध्यान देना चाहिए।
ये लोग कभी-कभी बहुत अधिक जुनूनी हो जाते हैं, और किसी की नहीं सुनते हैं, जिससे कि इनको ही हानि हो जाती है। हानि के उपरांत ये अध्यात्म की ओर मुड़ जाते हैं। इसका दूसरा पक्ष यह है कि असफल होने पर ये प्रभु की शरण में जाते हैं।
कैसे बढ़ाएं पावर
बबूल का पेड़ जिसे स्थानीय भाषा में कीकर कहा जाता है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार इस पेड़ में भगवान विष्णु का निवास माना जाता है। प्राचीन समय से इस पेड़ की पूजा की जाती रही है। इस पेड़ को काटना महापाप माना जाता है। बबूल की गोंद औषधीय गुणों से भरपूर होती है तथा अनेक रोगों के उपचार में काम आता है बबूल की हरी पतली टहनियां दातून के काम आती हैं। पार्क, खुलें स्थान में बबूल के पेड़ लगाने चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए। प्रार्थना करें कि हे प्रभु हमारे दुखों को दूर करो।