IAS officer Iftekharuddin Viral Video: कानपुर (Kanpur) की सीटीएस बस्ती के रहने वाले लोगों ने आरोप लगाया था कि मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन (Iftekharuddin) के इशारे पर चौबेपुर का रहने वाला एक शख्स अक्सर यहां आता था और लोगों को धर्मांतरण (Conversion) के लिए प्रेरित करता था. चौबेपुर में मोहम्मद अशरफ (Mohammad Ashraf) के घर पर जाकर जानकारी की गई तो उसकी मां ने बताया कि अशरफ रमज़ान में तराबीह पढ़ाने मंडलायुक्त के बंगले में जाता था. धर्मांतरण कराने जैसे किसी काम में उसके शामिल होने की बात से इनकार किया है.
रमज़ान में नमाज पढ़ाने जाता था
इफ्तिखारुद्दीन के घर जाकर नमाज पढ़ाने जाने वाले मोहम्मद अशरफ ने बताया कि वो रमज़ान में नमाज पढ़ाने जाता था. कुछ वीडियों में नजर आने की बात पूछने पर अशरफ ने बताया कि तराबीह के बाद कभी-कभी कुछ देर के लिए वो भी वहां बैठता था और कभी-कभी रात में रुकता भी था. धर्मांतरण के लिए किसी को एप्रोच करने की बात से अशरफ ने इनकार किया लेकिन इस बात को कबूल किया कि एक बार वो तबीयत खराब होने के चलते साहब की नीली बत्ती की गाड़ी से चौबेपुर वाले घर आया था. यही नहीं एक बार पारिवारिक शादी समारोह में इफ्तिखारुद्दीन भी अशरफ के बुलाने पर आए थे.
स्पेशल जांच कमेटी का हुआ गठन
बता दें कि, आईएएस अफसर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का विवादित वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मचा तो यूपी सरकार हरकत में आ गई और इसके लिए एक स्पेशल जांच कमेटी गठित कर एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश दे दिया है. इसी के साथ ये मामला सुर्खियों में आ गया है.
उठ रहे हैं सवाल
बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो उस समय का है जब वरिष्ठ आईएएस अफसर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन कानपुर मंडल के आयुक्त थे. तब कानपुर के अपने सरकारी आवास में इस्लाम धर्म के फायदे बताए थे. यही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोई अफसर नौकरी में रहते हुए अपने सरकारी आवास में किसी धर्म मजहब या जाति संबंधित पक्ष या विपक्ष में बात कर सकता है.
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