जरा सोचिए कि आप भगवान को चिट्ठी लिखें तो कैसा होगा। आस्था और विश्वास की यह डोर जुड़ी है भगवान गणपति से। भारत में एक ऐसा स्था भी है जहां लोग गणपति को खत लिखते हैं और जो उन्हें बताना होता है वो सब कुछ खत में लिख देते हैं।


गणेश जी के इस खास मंदिर में लाखों की संख्या में चिट्ठियां आती हैं और गणपति का ये खास मंदिर स्थित है रणथंभौर राजस्थान में। यहां हर शुभ कार्य से पहले गणपति जी को चिट्ठी भेजकर निमंत्रण दिया जाता है।



गणपति जी के इस मंदिर की स्थापना रणथंभौर के राजा हमीर ने 10वीं सदी में की थी। ऐसा कहा जाता है कि युद्ध के समय गणेश जी राजा के सपने में आए और उन्हें आशीर्वाद दिया और राजा युद्ध में विजयी हुए। इसके बाद राजा ने अपने किले में गणेश जी के मंदिर का निर्माण करवाया।



यहां भगवान गणेश की मूर्ति में तीन आंखें हैं। यहां पर भगवान गणेश जी अपनी पत्नी रिद्धि, सिद्धि और अपने पुत्र शुभ-लाभ के साथ विराजमान हैं। गणपति का वाहन चूहा भी साथ में है। यहां गणेश चतुर्थी पर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और बड़े ही धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है।



इस मंदिर में किसी भी शुभ कार्य से पहले लोग डाक द्वारा चिट्ठियां भेजते हैं। कार्ड पर पता लिखा जाता है- 'श्री गणेश जी, रणथंभौर का किला, जिला- सवाई माधौपुर (राजस्थान)। डाकिया के द्वारा भी इन चिट्ठियों को पूरी श्रद्धा और सम्मान से मंदिर में पहुंचा दिया जाता है।



चिट्टी जब मंदिर में पहुंच जाती हैं तब पुजारी जी चिट्ठियों को भगवान गणेश के सामने पढ़कर उनके चरणों में रख देते हैं। ऐसा कहा जाता ही कि है कि इस मंदिर में भगवान गणेश को निमंत्रण भेजने से सारे काम सफल हो जाते हैं।