कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की बैठक हुआ फैसला, शरद पवार बोले- उद्धव ठाकरे होंगे सीएम
महाराष्ट्र में जल्द ही नई सरकार का गठन हो सकता है। कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की शुक्रवार को नेहरू सेंटर में बैठक हुई। इसके बाद शरद पवार ने साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बन गई है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहा असमंजस शुक्रवार शाम खत्म हो गया। वर्ली के नेहरू सेंटर में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं के बीच चली मैराथन बैठक के बाद उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा शरद पवार ने कर दी है। बैठक के बाद शरद पवार ने कहा कि तीनों दल उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के लिए राजी हो गए हैं।
NCP Chief Sharad Pawar after Shiv Sena-NCP-Congress meeting: We all have consensus on the name of Uddhav Thackeray as Chief Minister. #Maharashtra pic.twitter.com/UTV9Lrk2c0
— ANI (@ANI) November 22, 2019
हालांकि, खबर ये भी आई कि शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद को लेकर पेंच फंसा दिया है और उद्धव ठाकरे खुद सीएम नहीं बनना चाहते हैं और उन्होंने इस पद की रेस से खुद को बाहर कर लिया है। लेकिन, आखिरकार शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं।ABP न्यूज़ से उन्होंने ये बात कही। माना जा रहा है कि उनके इस बयान के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर जो सस्पेंस बना हुआ था वो खत्म हो गया है।
सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे के बाद संजय राउत, शरद पवार की दूसरी पसंद थे लेकिन शिवसेना इसके लिए तैयार नहीं हुई। इसके अलावा एकनाथ शिंदे और अरविंद सावंत का नाम भी सीएम की रेस में चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस को डिप्टी सीएम और स्पीकर का पद मिल सकता है।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा पार कर लिया था लेकिन शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मॉडल था। शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के साथ समझौता इसी फॉर्मूले पर हुआ था लेकिन बीजेपी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ। इसी लेकर मतभेद इतना बढ़ा कि दोनों पार्टियों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि ये तीनों पार्टियां मिलकर राज्य में स्थिर सरकार नहीं दे पाएंगी। नितिन गडकरी ने कहा कि इनकी विचारधारा अलग है। जिस विचारधारा पर कांग्रेस चलती है उसका शिवसेना विरोध करती है तो वहीं शिवसेना की विचाधारा के विरोध में कांग्रेस है। इसके साथ ही उन्होंने इसे अवसरवाद का गठबंधन बताया है।