मेरठ, एबीपी गंगा। जागृति विहार में कोठी के अंदर बच्चियों के यौन शोषण मामले में अब नया मोड़ आ गया है। आरोपी पुलिस को जो कहानी सुना रहा है वो पीड़ितों के बयान से मेल नहीं खा रही है। अब पुलिस उन महिलाओं की तलाश कर रही है जो बच्चियों को विमल चंद के घर लाती और ले जाती थीं। इस बीच विमल चंद से मिलने के लिए उसके परिवार का कोई सदस्य नहीं आया है। माना जा रहा है कि परिवार के सदस्यों ने विमल चंद की करतूत को देखकर उससे किनारा कर लिया है। यहां यह भी बता दें कि तीनों ही मुकदमों की मॉनीटरिंग एसपी सिटी कर रहे हैं। सीडब्ल्यूसी की ओर से डीएम व एसएसपी को पत्र जारी किया गया है। जिसमें बताया कि बच्चियों को अभी तक कांउसिंलिग के लिए नहीं भेजा गया है। जबकि पुलिस उनके 164 सीआरपीसी में बयान दर्ज करा चुकी है।


ऐसे सामने आया सच
उन्नाव का रहने वाला रिटायर्ड एलआइसी अफसर विमल चंद कुरील जागृति विहार स्थित आवास के अंदर बच्चियों का शोषण करता था। गत वर्ष नवंबर में विमल ने कोठी को सीसीटीवी से कवर्ड कराया था। कैमरों में कोठी के अंदर होने वाली हैवानियत रिकॉर्ड हो गई। सीसीटीवी कैमरे लगाने वाले तुषार राणा और आशु कन्नौजिया ने वीडियो हासिल कर विमल को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। विमल चंद ने दोनों ब्लैकमेलर को रकम नहीं दी,जिस पर उन्होंने अश्लील फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू कर दिया।



विमल को रिमांड में लेगी पुलिस
पूरा मामला सामने आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी विमल चंद,आशु कन्नौजिया और तुषार राणा को जेल भेज दिया है। पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज कर लिए हैं। इनमें दो मुकदमों की विवेचना इंस्पेक्टर नौचंदी कर रहे हैं,जबकि एक मुकदमे की विवेचना मेडिकल पुलिस कर रही है। दो मुकदमों में तीन बच्चियों के बयान दर्ज किए गए हैं,जिसमें विमल चंद और बच्चियों के बयानों में अंतर सामने आ रहा है। ऐसे में सही तथ्य जानने के लिए पुलिस विमल चंद को रिमांड पर लेगी।