Kanpur Zila Panchayat President Election: उत्तर प्रदेश के कानपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. समाजवादी पार्टी ने बीजेपी पर सत्ता, धन और बाहुबल का आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी कुछ भी करके चुनाव जीतना चाहती है. लेकिन, समाजवादी पार्टी जिला पंचायत सदस्यों से आत्मा की आवाज सुनकर अध्यक्ष के चुनाव की अपील करती है.
रोचक हो चुका है मुकाबला
कानपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव बेहद रोचक हो चुका है. बीजेपी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मैदान में हैं. लेकिन, दोनों ही पार्टियों के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है. 32 सदस्यों में 17 का जादुई आंकड़ा ना तो बीजेपी के पास है और ना ही समाजवादी पार्टी के पास. शायद इसीलिए दोनों ही दल एक दूसरे पर बाहुबल और धनबल का आरोप लगा रहे हैं.
सपा ने बीजेपी पर लगाए आरोप
समाजवादी पार्टी ने बीजेपी पर सत्ता बल और खरीद-फरोख्त का सीधा आरोप लगाया है. समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेई की मानें तो बीजेपी ने इन चुनावों में अपने चाल चरित्र और चेहरे को बेहतर तरीके से जनता के सामने पेश कर दिया है. विधायक की मानें तो चौबेपुर से सपा जिला पंचायत सदस्य डॉ प्रवीण त्रिपाठी को मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रद्द करने के नाम पर जबकि बिल्हौर की बरंडा से महमूद अली को भी डराया धमकाया जा रहा है. पाला बदलने का प्रलोभन भी दिया जा रहा है.
बीजेपी कर रही है जीत का दावा
वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के इन आरोपों से तिलमिलाई दिखती है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सलिल विश्नोई की मानें तो बहुमत पार्टी के पास जरूर नहीं है लेकिन जीत भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी स्वप्निल वरुण की ही होने जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि 6 निर्दलीय और पांच बीएसपी के जिला पंचायत सदस्य अपनी आत्मा की आवाज सुनते हुए बीजेपी के पक्ष में वोटिंग करने जा रहे हैं.
बीजेपी के बाद सपा ने खोले पत्ते
कानपुर नगर में जिला पंचायत अध्य्क्ष का चुनाव बीजेपी और सपा दोनों की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है. इसीलिए, दोनों ही दलों ने मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं. बीजेपी और सपा में प्रत्याशी को लेकर कई दौर का मंथन चला. बीजेपी में आलम ये रहा कि बीजेपी के पंचायत चुनाव प्रदेश प्रभारी विजय बहादुर पाठक को कई बार बैठक लेने आना पड़ा. बीजेपी के प्रत्याशी घोषित करने के बाद ही सपा ने अपने पत्ते खोले और राजू दिवाकर को जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी बनाया.
क्या कहते हैं आंकड़े
दरअसल, कानपुर में जिला पंचायत सदस्यों की कुल संख्या 32 है. बीजेपी के 32 में से 8 सदस्य जीत पाए हैं तो सपा के 11 सदस्यों ने जीत हासिल की है. बीएसपी के 5 सदस्य, 7 निर्दलीय और एक निषाद पार्टी समर्थित प्रत्याशी को जीत मिली है. बीजेपी का दावा है कि उनके पास बहुमत से ज्यादा 18 सदस्यों का समर्थन है. इसके पीछे निर्दलीय और बीएसपी के समर्थन का दावा किया जा रहा है.
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