कानपुर, एबीपी गंगा। देश के बहुचर्चित बेहमई हत्याकांड में एक बार फिर फैसला टल गया है। सरकारी वकील ने बताया कि मूल पत्रावली में मूल केस डायरी नहीं होने के कारण फैसला टल गया है। कोर्ट ने 24 जनवरी तक केस डायरी शामिल करने की डेट दी है और संबंधित लिपिक को नोटिस दिया गया है। फैसले की डेट के बारे में अब 24 जनवरी के बाद पता चल सकेगा।
पीड़ित पक्ष के वकील का कहना है कि फैसला नहीं आया है तो उसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे क्योंकि मूल केस के बिना ही अभी तक सुनवाई हो रही थी, लिहाजा फैसले देने में इसकी जरूरत नहीं पड़ती और इसीलिए वो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। वहीं, वादी और गवाह का कहना है को वो निराश हैं लेकिन अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
शुक्रवार को वकील द्वारा रूलिंग दाखिल किए जाने के बाद शनिवार को फैसला सुनने के लिए परिसर में बेहमई व क्षेत्र के लोग पहुंच गए थे। चारों आरोपियों को भी कोर्ट में पेश किया गया लेकिन प्रकरण की मूल केस डायरी पत्रावली पेश न होने से कोर्ट ने फैसला टाल दिया।
14 फरवरी 1981 को सिकंदरा थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में दस्यु सुंदरी फूलन देवी, राम औतार, मुस्तकीम और लल्लू गैंग से जुड़े लोगों ने धावा बोल दिया था। डकैतों ने लूटपाट के साथ ही 26 पुरुषों को गांव के बाहर कतारबद्ध खड़ा कर अधाधुंध फायरिंग की थी। जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। गांव के राजाराम सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने 23 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें 16 लोगों की मौत हो चुकी है।
मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय दस्यु प्रभावित कोर्ट में चल रही है। न्यायालय की ओर से 6 जनवरी फैसले की तिथि घोषित की गई थी, लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता गिरीश नारायण द्विवेदी की ओर से केस से जुड़े प्रमुख बिंदुओं को लेकर नजीरें पेश करने के लिए समय मांगने पर फैसले की तिथि 18 जनवरी कर दी गई। बेहमई नरसंहार में आरोपियों के खिलाफ फैसला सुनाए जाने को बेहमई समेत आसपास के क्षेत्र से भी लोग फैसला सुनने के लिए पहुंचे। फैसले की तारीख के चलते कोर्ट परिसर में भारी भीड़ रही।