अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) संस्थान के गौरवशाली इतिहास को याद करने के लिए एक 'टाइम कैप्सूल' तैयार कर रहा है. इसे आगामी दिसंबर में विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह के दौरान परिसर में जमीन के अंदर रखा जाएगा. एएमयू की अपनी स्थापना के शताब्दी समारोह को भव्य तरीके से मनाने की योजना पर कोविड-19 का ग्रहण लगता नजर आ रहा है लेकिन यह संस्थान अपने इतिहास को फिर से याद करने के लिए एक खास दस्तावेज तैयार कर रहा है.


खास स्टील से बना होगा कैप्सूल
कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर की तरफ से इस काम के लिए बनाई गई समिति के सदस्य राहत अबरार ने गुरुवार को बताया कि इस दस्तावेज को खास स्टील से बने कैप्सूल के अंदर रखकर उसे परिसर में एक निर्धारित स्थान पर स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह 'टाइम कैप्सूल' विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह का खास आकर्षण होगा. विद्यालय परिसर में 'टाइम कैप्सूल' को जमीन के अंदर रखने के इससे पहले भी कई दृष्टांत मिलते हैं.


17 दिसंबर 1920 को हुआ था उद्घाटन
अबरार ने बताया कि एएमयू 9 सितंबर 1920 को इंपीरियल लेजिस्लेटिव असेंबली में एक विधेयक पारित किए जाने के साथ अस्तित्व में आया था. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का आधिकारिक उद्घाटन समारोह 17 दिसंबर 1920 को हुआ था.


पहले भी जमीन के अंदर रखा जा चुका है टाइम कैप्सूल
एएमयू के आदि संस्थान यानी मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना 8 जनवरी 1877 को हुई थी और इसके उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड लिटन ने की थी. उस दिन भी ऐसा ही एक 'टाइम कैप्सूल' स्ट्रैची हॉल परिसर में जमीन के अंदर रखा गया था. उस कैप्सूल में भी मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं और परिघटनाओं को रेखांकित करते दस्तावेज को रखा गया था.


कार्यक्रम की तस्वीरें शामिल हैं
अबरार ने बताया कि 12 जनवरी 1877 के कॉलेज गजट में उस पूरे समारोह के विवरण को विस्तार से पेश किया गया है. उन्होंने बताया कि उसमें 'टाइम कैप्सूल' को जमीन के अंदर रखे जाने के कार्यक्रम की तस्वीरें भी शामिल हैं.


कोरोना का ग्रहण
इस बीच, एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने कहा कि विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह का आयोजन कई सप्ताह तक चलेगा, जिसमें भारत और विदेश से भी बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हालात अब भी चिंताजनक हैं और काफी कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाले हफ्तों में हालात कैसा रूप लेते हैं. पूर्व में कुछ वीवीआईपी लोगों समेत बड़ी संख्या में मेहमानों के आने की संभावना थी लेकिन अब या तो इस कार्यक्रम की तारीख आगे बढ़ा दी जाएगी या फिर हालात के हिसाब से नया कार्यक्रम तय किया जाएगा.


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