अयोध्या: एक तरफ जहां रामनगरी अयोध्या दीपोत्सव के मौके पर दीपों और लाइटों की रोशनी में जगमग होने वाली है तो वहीं दूसरी तरफ दीपक बनाने वाले 40 परिवार मुश्किल में हैं. वजह हर वर्ष की तरह इस बार भी दीपोत्सव की तैयारी को लेकर दीपक बनाने वाले कुम्हार परिवारों ने लगभग चार लाख से अधिक दीपक बना लिए लेकिन ई-टेंडरिंग के चलते इस बार अयोध्या के बाहर से फर्म दीपक की सप्लाई कर रही है. इसीलिए, अयोध्या के जिन कारीगरों ने दीपक बनाए थे अब वो उसे बेचने को लेकर मुश्किल में हैं.
ये है समस्या
दीपक कारीगरों की खबर एबीपी गंगा में सामने आने के बाद अब अयोध्या की कुम्हार परिवारों से डेढ़ लाख दीपक खरीदे गए हैं. जबकि, दीपक बनाने वाले परिवारों के सामने अभी भी बचे हुए दीयों को बेचने की चुनौती है. दीपोत्सव में जिन दीपकों का प्रयोग किया जाता है उसमें 30 मिलीलीटर तेल आना जरूरी है. जबकि, घरों में जो दीपक प्रयोग होते हैं वो या तो इससे छोटे होते हैं या इससे बहुत बड़े. ऐसे में दीपक बनाने वाले कुम्हार परिवारों के सामने दीयों को बेचने की बड़ी चुनौती सामने है.
खराब कर दी दीपावली
कुम्हार परिवारों का कहना है कि राम मंदिर के लिए भूमि पूजन हो या फिर अब तक दीपोत्सव के त्यौहार. हर बार उन्हीं से दीपक खरीदे गए लेकिन इस बार ई-टेंडरिंग करके उनकी दीपावली खराब कर दी गई है. भविष्य में सरकार इस तरह का कार्य न करें. कुम्हार परिवारों ने लाखों दीपक एडवांस में बना लिए थे, जिससे ऑर्डर मिलने के बाद समय रहते उसकी डिलीवरी की जा सके. लेकिन, इस बार हालात बदल गए हैं.
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