बाराबंकी, एबीपी गंगा। लखनऊ के अस्पताल में भर्ती चार महीने की बच्ची के उपचार के लिए ससुराल को लोगों ने पैसों की मदद नहीं की तो परेशान होकर महिला देवा कस्बा बाजार स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गई। पानी की टंकी पर चढ़कर महिला ने जमकर हंगामा किया, सूचना पाकर पहुंचे पुलिस के आलाधिकारियों ने काफी मशक्कत के बाद महिला को समझा बुझाकर नीचे उतरवाया।


टंकी से उतरने के बाद महिला ने बताया कि ससुरालवालों ने उसे यातनाएं दीं, वहीं समाज के जिम्मेदार लोगों ने इसका भरपूर फायदा उठाने का प्रयास किया। महिला के मुताबिक इंसाफ के लिए जब वो पुलिस थाने पहुंची तो पुलिसकर्मियों ने भी उस पर बुरी नजर डाली। महिला के आरोप पर एसपी ने फौरन संज्ञान लेते हुए एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया है।


महिला ने बताया कि उसकी शादी 6 माह पहले हुई थी। शादी के बाद पति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद नंदोई की उस पर बुरी नजर रहती थी। ससुरालवालों का भी उसके प्रति व्यवहार ठीक नहीं था। उसे भूखा रखने के साथ ही तरह-तरह की यातनाएं देते थेय़ 2 माह पहले ही उसने एक बेटी को जन्म दिया था और पिछले दिनों उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी।


राजधानी लखनऊ के एक निजी अस्पताल में उसने बेटी को भर्ती कराया और इलाज के खर्च को लेने के लिए वह अपने ससुराल गई थी। लेकिन ससुराल वालों ने उसे खर्च देने से ही मना नहीं किया बल्कि उसकी बेटी को अपना खून मानने से इन्कार कर दिया। ससुराल से निराश होकर वह न्याय के लिए थाना देवा पहुंची, जहां नियाज नाम के पुलिसकर्मी ने उससे अभद्रता की और अश्लील बातें करते हुए कहा कि मेरे घर चलो इलाज का पैसा मैं दे दूंगा। रोते बिलखते वह थाने से लौट आई और आखिरकार उसने पानी की टंकी पर चढ़ने का निर्णय लिया।



पूरे मामले पर बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक आरएस गौतम ने बताया कि पारिवारिक मामले से क्षुब्ध होकर एक महिला पानी की टंकी पर चढ़ी थी, जिसे समझा-बुझाकर उतार लिया गया है। महिला अपने सास-ससुर से अपनी बेटी के इलाज के खर्च की मांग कर रही थी लेकिन पैसा नहीं दिया गया। महिला का यह भी आरोप है कि वह थाने पर एक हेड कॉन्‍स्टेबल नियाज से भी मिली, जिसने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। महिला की शिकायत पर नियाज को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच जारी है।