Naina Devi Mandir: यहां गिरी थी माता सती की आंख, दर्शन मात्र से होता है भक्तों का उद्धार
Navratri 2021: नैनीताल में स्थित नैना देवी के मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है. नवरात्रि के मौके पर देशभर से भक्त यहां पहुंचकर मनोकामना मांग रहे हैं.
Naina Devi Mandir in Nainital: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित नैना देवी का मंदिर शक्तिपीठों में से एक है. नवरात्रि के मौके पर यहां भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है. नैनी सरोवर से लगे नैना देवी मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां की पूजा अर्चना की और सबकी खुशहाली की कामना की. शक्ति पीठ की मान्यता वाले इस मंदिर में विराजमान साक्षात मां अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं.
मां के दर्शनों के लिए यहां भक्त दूर-दूर से मां के दर्शनों के लिए मंदिर पहुंचते हैं. मां भी अपने भक्तों का उद्धार करने में कहीं पीछे नहीं रहती है और उनकी मनोकामना पूरी करती है.
यहां गिरी थी माता सती की आंख
नैनीताल के बारे में पुराणों में कहा गया है कि देवी पार्वती का पार्थिव शरीर खंडित होने के बाद उनकी बायीं आंख यहां गिरी थी. पुराणों में लिखा है कि देवी पार्वती के पिता दक्ष प्रजापति ने जब विशाल यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रण नहीं दिया, तो इस कदम से नाराज होकर देवी पार्वती यज्ञ के हवन कुण्ड में कूदकर सती हो गई. इससे दुखी भगवान शिव ने देवी पार्वती का पार्थिव शरीर लेकर ब्रह्माण्ड के चक्कर लगाने शुरू कर दिए. सृष्टि का संतुलन बिगड़ने से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया, तब सृष्टि के संरक्षक भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शव को खंड-खंड कर दिया.
इस घटना में पार्वती की बायीं आंख देश के इसी हिस्से में गिरी और इस देवी का नाम 'नैना देवी' रखा गया. शहर को अगर आप ऊंचाई से देखेंगे तो ये आंख के आकार का नजर आता है. उस समय खंडित देवी पार्वती से शरीर से गिरे हिस्सों को शक्ति पीठ का नाम दिया गया है. नैना देवी मंदिर भी देश के उन्हीं 51 शक्ति पीठों में शुमार है.
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