नीलम धारण करने के बाद तुरंत नजर आता है इसका प्रभाव, इसे कहते हैं चमत्कारी रत्न
ज्योतिष विज्ञान कहता है कि नीलम जब किसी व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम देता है तो उसे राजा बना देता है और अगर बुरा प्रभाव देने पर आए तो राजा को भी भिखारी बना सकता है।
जीवन सुखमय हो, किसी तरह की कोई परेशानी न हो, मनुष्य कष्टों से दूर रहे यह सबकुछ पाना किसी के लिए आसान नहीं है लेकिन लोग अपने जीवन को संवारने के लिए कई तरह के रत्नों को धारण करते हैं। प्राचनी समय से ही लोग ग्रहों के प्रभाव से बचने, कष्ट निवारण और स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए रत्नों को धारण करते रहे हैं और ऐसा ही एक एक चमत्कारी रत्न है नीलम। ज्योतिषशास्त्र में नीलम रत्न का बड़ा महत्व है।
ज्योतिष विज्ञान कहता है कि नीलम जब किसी व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम देता है तो उसे राजा बना देता है और अगर बुरा प्रभाव देने पर आए तो राजा को भी भिखारी बना सकता है। नीलम शनि दोष को दूर करने और शनि ग्रह की शांति के लिए धारण किया जाता है। तो चलिए आपको भी बताते हैं कि नीलम धारण करना आपके लिए शुभ और अशुभ कैसे हो सकता है।
नीलम के प्रभाव
नीलम धारण करने के बाद आपके साथ कुछ अशुभ घटना नहीं हो तब भी यह समझना चाहिए कि आपके लिए यह रत्न शुभ है।
नीलम का प्रभाव ठीक ने हो तो दुर्घटना हो सकती है। शारीरिक कष्ट भी हो सकता है।
नीलम यदि शुभ नहीं है तो आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।
नीलम रत्न का प्रभाव बेहद तेजी से नजर आता है। अगर यह रत्न आपके लिए अनुकूल नही हैं तो आंखों में तकलीफ महसूस होने लगती है।
नीलम अगर अनुकूल नहीं है तो बुरे और डरावने सपने आएंगे।
नीलम शुभ होने पर धारण करने वाले को आर्थिक लाभ मिलता है। नौकरी और व्यवसाय में उन्नति का संकेत भी नीलम तुरंत देता है।
नीलम जिनके लिए अनुकूल और शुभ होता है उन्हें धारण करते ही शुभ फल देने लगता है। स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी चल रही है तो उसमें राहत महसूस होने लगती है।