Chandauli Reality of Shikarganj Primary Health Center: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी सरकार पार्ट 2 के गठन के बाद सबसे ज्यादा किसी विभाग की चर्चा अगर है तो वो है स्वास्थ विभाग. उपमुख्यमंत्री और प्रदेश के स्वास्थ मंत्री बृजेश पाठक (Brijesh Pathak) रोजाना किसी ना किसी अस्पताल (Hospital) में औचक निरीक्षण करके उस उस्पताल की स्थिति का अवलोकन करते हैं और अच्छी से अच्छी स्वास्थ सुविधा देने का भरोसा जनता को दिलाते हैं. वहीं, दूसरी तरफ चंदौली (Chandauli) का स्वास्थ्य विभाग (Health Department) निष्क्रिय बना हुआ है, इसकी निष्क्रियता से वनांचल में स्थित शिकारगंज का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Shikarganj Primary Health Center) जंगल में तबदील हो गया है. अस्पताल परिसर में चारों तरफ केवल पेड़-पौधे, झाड़-झंखाड़ जमे हैं, वही गेट पर लगे लोहे के बोर्ड में जंग लग गया है.


खस्ताहल है अस्पताल 
स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछड़ने के कारण चंदौली को आकांक्षात्मक जिले में शामिल किया गया है. पिछले 3 साल से लगातार नीति आयोग द्वारा मॉनिटरिंग के बाद भी जिले में स्वास्थ्य महकमा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला चकिया के क्षेत्र के शिकारगंज प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर देखने को मिल रहा है जहां झाड़ियां ही नजर आ रही हैं. यहां प्राथमिक स्वास्थ केंद्र शोपीस बनकर रह गया है. अस्पताल में पिछले कई महीनों से डॉक्टर, फार्मासिस्ट और वार्ड बॉय भी नदारद हैं.


अस्पतालों की स्थिति है बदतर
ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों की स्थिति बदतर हो गई है. कहीं चिकित्सक और कर्मचारी नहीं है तो कहीं संसाधनों का घोर अभाव है. चिलचिलाती धूप में पहाड़ी इलाकों में बसे ग्रामीण बीमार होने पर इलाज के लिए भटकने को मजबूर हैं. ऐसा ही हाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शिकारगंज का है. बिना डॉक्टर, एएनएम के सहारे संचालित हो रहे इस अस्पताल की सुध लेने वाला कोई नहीं है.




राजनाथ सिंह ने किया था कार्य 
दरअसल, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का गांव भभौरा चकिया तहसील क्षेत्र में आता है. यूपी का मुख्यमंत्री रहते हुए राजनाथ सिंह ने नक्सल इलाके से सटे चकिया तहसील क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कार्य किया था. शिकारगंज इलाके में स्थित 22 ग्राम पंचायतों के लगभग 50 से 60 हजार आबादी वाले इलाके के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र मुड़हुआ शिकारगंज का निर्माण कराया गया था. 


अस्पताल लगता है जंगली इलाका 
कुछ माह पूर्व PHC पर तैनात डॉ सुधीर मिश्रा का स्थानांतरण जिला अस्पताल में होने के कारण नए चिकित्सक की नियुक्ति नहीं हुई. तब से आज तक चिकित्सक व फार्मासिस्ट का पद PHC में पिछले 8 माह से रिक्त होने के कारण मरीजों को मजबूरी में  8-10 किमी दूर चकिया जाना पड़ता है. इस कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि जैसे ये अस्पताल नहीं जंगली इलाका है. पूरा परिसर झाड़-झंखाड़ से पटा पड़ा है. अस्पताल परिसर में शुद्ध पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. 


सचेत हैं, सजग हैं
वहीं, इस मामले पर जब जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ युगल किशोर राय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, शासन की मंशा के अनुरूप हम लोग सचेत हैं, सजग हैं. प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिल्कुल सुचारू रूप से कार्य करे इसी के तहत हमने शिकारगंज पर डॉक्टर, फार्मासिस्ट और वार्ड बॉय पोस्टिंग भी कर दी है. तत्काल निर्देशित किया गया है की कार्यभार ग्रहण करें. जंगल-झाड़ लगे हुए हैं तत्काल सफाई करने के निर्देश दिए गए हैं. क्षेत्र के मरीजों को असुविधा ना हो इसे लेकर भी निर्णय किया गया है. मरीजों को बेहतर से बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जाएगा. 


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