बुलंदशहर, एबीपी गंगा। भले ही उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग की दशा सुधारने के लिए लाखों-करोड़ों रुपया खर्च कर रही हो मगर जिले में तैनात स्वास्थ्य अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसकी पोल बुधवार को वक्त खुली जब बुलंदशहर के एडीएम प्रशासन ने खुर्जा के राजकीय महिला चिकित्सालय में छापा मारा। इस दौरान राजकीय महिला चिकित्सालय में न ही कोई डॉक्टर मौजूद मिला और न ही अस्पताल की सबसे जिम्मेदार यानी कि महिला सीएमएस ही वहां मौजूद रहीं। मौके पर गंदगी का अंबार भी अस्पताल परिसर में देखने को मिला, जिसे देखकर एडीएम भड़क गए। एडीएम ने हॉस्पिटल में गंदगी को देखकर उपस्थित कर्मचारियों को जमकर फटकार भी लगाई।


बेड पर चादर तक नहीं


बुलंदशहर के खुर्जा नगर स्थित राजकीय महिला चिकित्सालय में एडीएम रविंद्र कुमार ने बुधवार को छापा मार दिया। छापे के दौरान महिला सीएमएस हॉस्पिटल में मौजूद नहीं थीं और न ही अन्य स्टाफ ही वहां मौजूद था। अस्पताल में हर तरफ गन्दगी को देखकर एडीएम रविन्द्र कुमार भड़क गए और जमकर हॉस्पिटल में मौजूद कर्मचारियीं की क्लास ले डाली। मरीजों के बेड पर चादर तक नहीं बिछी थी। एडीएम ने दवाइयों का रिकॉर्ड देखा तो कोई रजिस्ट्रर भी नहीं मिला जिसपर दवाइयों को लेकर एंट्री की गई हो।


महिला अस्पताल की स्थिति गंभीर


एडीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि बुधवार शाम 4:30 बजे खुर्जा एसडीएम के साथ औचक निरीक्षण खुर्जा महिला अस्पताल का किया गया। यहां पर गंदगी का अंबार मिला है जो सरकार द्वारा महिलाओं को पैसे देने की योजना चलाई जा रही है उसका बहुत सारी महिलाओं को लाभ अभी तक नहीं दिया गया है। दवाई का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। कुछ इंजेक्शन यहां पर कम मिले हैं उनकी अभी तलाशी की जा रही है। खुर्जा महिला अस्पताल की स्थिति गंभीर है।