चीन के वुहान शहर से शुरू हुई कोरोना वायरस नाम की बीमारी दुनिया के हिस्सों में फैल चुकी है। इस वायरस ने कई बड़े देशों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इसे लेकर दुनिया भर में सरकारें अपने नागरिकों को सतर्क कर रही हैं और इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जानकारी साझा कर रही हैं। कई बार इस तरह की बातें भी सामने आई हैं कि गर्मी बढ़ने के बाद कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है।
कोरोना वायरस से बचने का सबसे बहतर तरीका ये है कि इससे बचा जाए। लेकिन, सोशल मीडिया में तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं। कहीं ये कहा जा रहा है कि पानी को गर्म करके पीने से इस वायरस से बचा जा सकता है तो कई लोग सोशल मीडिया पर इस तरह की सामग्री भी पोस्ट कर रहे हैं कि नहाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करना बेहतर साबित हो सकता है।
बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जो सबसे अधिक वायरल हुई है उसमें दावा किया गया है कि गर्म पानी पीने और सूरज की रोशनी में रहने से इस वायरस को मारा जा सकता है। इस दावे में आइसक्रीम न खाने की सलाह भी दी गई। इतना ही नहीं इस मैसेज के साथ फर्जी तरीके से यह भी बताया जा रहा है कि ये तमाम बातें यूनिसेफ की तरफ से कही गई हैं।
जानें खास बातें
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों को लेकर जब यूनिसेफ से संपर्क किया गया तो कहा गया कि ये भ्रामक प्रचार है और इससे बचा जाना चाहिए। बता दें कि, जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैल जाते हैं। इन्हीं नन्हे कणों के जरिए कोरोना वायरस फैलता है। व्यक्ति के छींकने पर एक वक्त पर थूक के 3 हजार से अधिक कण यानी ड्रॉपलेट्स शरीर से बाहर आते हैं।
संक्रमित व्यक्ति के नजदीक जाने पर ये कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। कभी कभी ये कण कपड़ों, दरवाजों के हैंडल और आपके सामान पर गिर सकते हैं। उस जगह पर किसी का हाथ पड़े और फिर वो व्यक्ति उसी संक्रमित हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह छूता है तो उसे कोरोना वायरस संक्रमण हो सकता है।
रिसर्च में क्या आया सामने
अमेरिकन नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ ने अपनी रिसर्च में पाया है कि थूक के कणों में वायरस 3-4 घंटों तक जिंदा रह सकते हैं और हवा में तैर सकते हैं, लेकिन अगर ये कण दरवाजे का हैंडल, लिफ्ट बटन जैसी धातु की सतह पर 48 घंटों तक एक्टिव रह सकते हैं। वहीं, अगर कण स्टील की सतह पर गिरा तो वो 2-3 दिन तक एक्टिव रह सकता है। कुछ पुरानी रिसर्च के आधार पर ये भी कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस अनुकूल परिस्थितियों में एक हफ्ते तक भी एक्टिव रह सकते हैं। खास बात ये है कि कपड़ों जैसी नरम सतहों पर कोरोना वायरस लंबे समय तक जीवित नहीं रहता है।
ये है राहत की बात
ऐसे में अगर आप एक दो दिन तक एक ही कपड़ा नहीं पहनते तो वायरस एक्टिव नहीं रहेगा, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि किसी संक्रमित सतह को छूने से आपको कोरोना वायरस हो ही जाएगा। जब तक ये आपके मुंह, आंख, नाक के जरिए आपके शरीर में नहीं जाता, तब तक आप ठीक हैं। इसलिए अपने मुंह को छूना या बिना हाथ धोए खाना बंद कर दें।
गर्मी का कितना प्रभाव
कोरोना वायरस 60 से 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान तक नष्ट नहीं होता है। कुछ वायरस तापमान बढ़ने के बाद नष्ट होते हैं लेकिन कोरोना वायरस पर बढ़ते तापमान का क्या असर होगा इसके जवाब में ज्यादातर एक्सपर्ट्स का कहना है कि सावधानी ही बचाव है। वैसे जिन देशों में गर्मी ज्यादा है वहां भी कोरोना वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है। ऐसे में गर्मी का इस वायरस पर क्या असर होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
नहीं है दवा
बता दें कि कोरोना वायरस ग्रीनलैंड जैसे ठंडे देश भी हैं तो दुबई जैसे गर्म शहर भी, मुंबई जैसे ह्यूमिड शहर भी हैं तो दिल्ली जैसे सूखे शहर में भी। एक बार अगर यह वायरस इंसान के शरीर में घुस गया तो इसे मारने का तरीका अभी तक नहीं नहीं खोजा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई देश इस पर काम कर रहे हैं लेकिन अब तक इसे खत्म करने वाली कोई दवा नहीं बनाई जा सकी है। इसी कारण सरकारें इससे बचने के तरीकों के बारे में नागरिकों को बता रही हैं।
ऐसे करें बचाव
बीमार लगने वाले लोगों के संपर्क से बचें
अपनी आंखों, नाक या मुंह को छूने की कोशिश न करें
बीमार होने पर घर पर ही रहें
छींकने पर मुंह को ढकें
अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
समय-समय पर अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से धोते रहें