वाराणसी: पशु प्रेम के बहुत सारे किस्से आपने सुने होंगे लेकिन वाराणसी की स्वाति का पशु प्रेम चर्चा में है. इनके घर में इंसान कम पशु ज्यादा हैं. स्वाति के बचपन का शौक जुनून बन चुका है. आज जब ये सड़क पर किसी भी पशु को बेहाल देखती हैं तो उसे अपने घर लाकर उसका इलाज करती हैं और उसी दिन से वो इनके घर का सदस्य बन जाता है.
फिल्म का हुआ असर
बॉलीवुड फिल्म तेरी मेहरबानियां में पशु का किरदार सबकी जुबान पर था. इसी फिल्म का असर स्वाति पर भी हुआ. बचपन में पहले इन्होंने तीन कुत्ते पाले लेकिन एक दिन इन्हें सड़क पर घायल अवस्था में पड़ा एक जानवर दिखाई दिया तो ये उसे घर ले आईं. उसी दिन से इनकी मुहिम चल पड़ी. अब स्वाति सड़क पर किसी भी असहाय पशु को देखती हैं तो उसे अपने घर लाती हैं और उसे अपने घर का सदस्य बना लेती हैं. आज इनके घर मे इंसानों से ज्यादा पशु हैं. स्वाति का संदेश है पशुओं से प्रेम करो.
पिता बढ़ाते हैं हौसला
स्वाति के पशु प्रेम से कभी-कभी पड़ोसी नाराज भी हो जाते हैं. लेकिन, जब कोई पशु पर अत्याचार करता दिखता है तो ये विरोध करती हैं. पिता भी बेटी के इस हौसले को कभी कम नहीं होने देते बल्कि इनके साथ मिलकर पशुओं की सेवा करते हैं. काशी को मददगारों की नगरी भी कहा जाता है. काशी में बेजुबानों की इस मदद की चर्चा है और सभी स्वाति की सराहना करते नजर आ रहे हैं.
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