नई दिल्ली, एबीपी गंगा। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करने जा रही हैं। इसके साथ ही यह बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यकाल का भी दूसरा बजट होगा। वहीं, मोदी सरकार के बजट पर बात कि जाए तो सबसे पहले वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2014 में 2014-15 वित्त वर्ष के लिए पहला बजट पेश किया था। समय के हिसाब से यह मोदी सरकार के कार्यकाल का सबसे लंबा बजट रहा था। अरूण जेटली ने संसद में इस बजट को पेश करने के लिए 130 मिनट लिए थे।
साल 2015 में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया था। वहीं, समय के हिसाब से यह मोदी सरकार के कार्यकाल का सबसे छोटा बजट रहा था। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने उस समय संसद में इस बजट को पेश करने के लिए 95 मिनट लिए थे। इसके बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने ही लगातार तीन वर्षों तक मोदी सरकार का बजट पेश किया, जिसमें वित्त वर्ष 2016-17 के लिए पेश किए गए बजट को अरूण जेटली ने 100 मिनट लिए। इसके बाद वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पेश किए गए बजट को अरूण जेटली ने 110 मिनट में संसद में पेश किया। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का अंतिम बजट अरूण जेटली ने 107 मिनट में पेश किया। वहीं वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का अंतरिम बजट पीयूष गोयल ने संसद में 102 मिनट में पेश किया था।
केंद्र में 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्री के रूप में चुना। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 127 मिनट में अपना पहला बजट पेश किया था। वहीं, आज निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के साथ-साथ अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगी।
बजट से जुड़ी खास बातें
समय के हिसाब से सबसे लंबे बजट की बात कि जाए तो वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने सबसे लंबा बजट पेश किया था।
2003 में वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने संसद में 2 घंटे 13 मिनट में बजट पेश किया था।
शब्दों के हिसाब से सबसे लंबे बजट की बात करें तो 1991 में 18 हजार 177 शब्दों में बजट पेश किया गया था।
1991 में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने शब्दों के हिसाब से सबसे लंबा बजट पेश किया था।
शब्दों के हिसाब से सबसे छोटा बजट 1977 में पेश किया गया है।
1977 में वित्त मंत्री एच एम पटेल ने मात्र 800 शब्दों में अब तक का सबसे छोटा बजट पेश किया था।