जानें-कौन है भारत का दुश्मन नंबर वन आतंकी मसूद अजहर, कंधार कांड के बाद करना पड़ा था रिहा
अजहर आतंक का वो सौदागर है, जिसने भारत के खिलाफ एक नहीं सौकड़ों बार साजिश रची है। मसूद कंधार कांड के बाद से पाकिस्तान में बैठकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहा है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। जैश-ए-मोहम्मद के सरगाना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया है। भारत लंबे समय से मसूद को अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित करने की मांग कर रहा था। अब यूएन ने मसूद अजहर का नाम ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। खास बात ये है कि मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने को लेकर इस बार चीन ने कोई अड़ंगा नहीं लगाया है।
कौन है आतंकी मसूद अजहर
मसूद का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में 1968 को हुआ था। ग्यारह भाई-बहनों में अजहर 10वें नंबर का था। मसूद के पिता सरकारी स्कूल में हेडमास्टर थे। परिवार डेयरी का करोबार भी करता था। मसूद अजहर की पढ़ाई कराची के जामिया-उलूम-अल-इस्लामिला में हुई थी। अजहर का संबंध हरकत-उल अंसार से भी रहा है।
भारत के खिलाफ रची साजिश
अजहर आतंक का वो सौदागर है, जिसने भारत के खिलाफ एक नहीं सौकड़ों बार साजिश रची है। मसूद कंधार कांड के बाद से पाकिस्तान में बैठकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहा है। उसकी अगुआई में ही पाकिस्तान के लाहौर के पास पठानकोट हमले का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया था। उसका भाई रउफ 1999 में काठमांडू में एयर इंडिया के विमान के अपहरण का मुख्य साजिशकर्ता था। इस विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था।
कंधार कांड के बाद रिहा हुआ अजहर
5 हथियारबंद आतंकियों ने 178 पैसेंजरों के साथ इंडियन एयरलाइन के IC-814 प्लेन को नेपाल के काठमांडू से हाईजैक किया था। प्लेन को अमृतसर, लाहौर और दुबई के रास्ते अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट ले जाया गया था। बंधक बनाए गए लोगों को छोड़ने के बदले आतंकवादियों की रिहाई मांगी गई थी। इसके बाद मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को रिहा कर दिया गया था।
रिहाई के बाद बनाया संगठन
भारत से रिहा होने के बाद मसूद अजहर और खतरनाक हो गया। उसने भारत में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के लिए साल 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बनाया। इसमें हरकत-उल-मुजाहिदीन और हरकत-उल-अंसार जैसे कई आतंकी संगठन भी शामिल हुए।
संसद हमले का मास्टरमाइंड
साल 2001 में हुए भारतीय संसद पर हमले का मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर ही था। संसद पर हुए इस हमले में नौ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि पांच आतंकियों को मार गिराया गया था। भारत ने उस समय मसूद अजहर को सौंपने की मांग की थी, लेकिन पाकिस्तान ने सबूतों का हवाला देकर मना कर दिया था। इसके बाद अजहर भारत के खिलाफ लगातार आतंकी हमलों को अंजाम देता रहा है।
भारत को दिए घाव
14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी भी जैश ने ही ली थी। हमले के बाद एक वीडियो जारी कर उसने इसकी पुष्टि की थी। इसके अलावा जनवरी 2016 को पठानकोट हमले में 7 भारतीय जवानों की जान भी इसी संगठन ने ली। वहीं सितंबर 2016 में भी हुए उरी हमले के पीछे भी इस संगठन का हाथ था। इस हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हुए थे।