अभिषेक रावत, एबीपी गंगा। रोहित शेखर हत्याकांड के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच गहन जांच में जुटी है। इस हत्याकांड को 5 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यहां यह बात भी ध्यान देने वाली है कि शुरुआती दो दिन यानी 16 और 17 अप्रैल को रोहित की मौत हार्ट-अटैक के चलते बताई जा रही थी, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि एक दिन बाद 18 अप्रैल को पुलिस ने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज कर लिया। इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए हमें एफआईआर पर गौर करना होगा।


क्या कहती है एफआईआर


रोहित शेखर की हत्या की एफआईआर 18 अप्रैल को दर्ज की गई है, जो रोहित शेखर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर आधारित है। एफआईआर के मुताबिक, 16 अप्रैल की शाम 4:41 बजे मैक्स अस्पताल, साकेत को कॉल कर एम्बुलेंस मंगाई गई। जब एम्बुलेंस सी-329, डिफेंस कॉलोनी पहुंची तो पाया कि रोहित शेखर कार के अंदर थे। उनकी नाक से खून निकल रहा था, शरीर अकड़ा हुआ था और आंखे शिथिल थी। उनके शरीर में प्राण होने के कोई चिन्ह नहीं थे। एम्बुलेंस से उन्हें तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया। उसकी नब्ज नहीं चल रही थी। तुरंत ही दो ईसीजी किए गए। मेडिकल जांच के बाद रोहित को मृत घोषित कर दिया गया। यह समय था 16 अप्रैल की शाम 5:31 बजे का। इसके बाद शाम लगभग 6:55 बजे हॉस्पिटल के सिक्योरिटी सुपरवाइजर ने पुलिस को कॉल कर इस मामले की जानकारी दी। पुलिस अस्पताल पहुंची और रोहित के शव को एम्स अस्पताल की मॉर्चरी में सुरक्षित रखवाया। इसके बाद पुलिस ने रोहित के घर जाकर जांच शुरू की।


17 अप्रैल को एम्स के 5 डॉक्टरों ने किया था पोस्टमार्टम


एफआईआर के अनुसार, 17 अप्रैल को एम्स के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के पांच डॉक्टरों आदर्श कुमार, अभिषेक यादव, हेमंत कुमार, पूजा गजवार और अभिलाष का एक बोर्ड गठित किया गया। इस बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया। 18 अप्रैल को जब पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट पुलिस को मिली तो यह स्पष्ट हो चुका था कि रोहित की मौत हार्ट-अटैक से नहीं हुई, उसकी हत्या की गई है। मौत का कारण था "डेथ ड्यू टू अस्फीसिया ड्यू तो ऐंटेमॉर्टम स्ट्रेनगुलेशन एंड स्मोथैरिंग"। यानी रोहित की हत्या गला घोंटने के साथ-साथ मुंह दबा कर की गई, जिससे उसका दम घुट गया। इस खुलासे के बाद पुलिस ने 18 अप्रैल को हत्या की धारा के तहत एफआईआर दर्ज कर ली।


रोहित के नाखून से मिल सकता है कातिल का सुराग


पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों ने विसरा सुरक्षित रखने के साथ-साथ रोहित के हाथ के नाखूनों के सैंपल भी सुरक्षित रखे हैं। सूत्रों का कहना है ऐसा इसलिए किया गया है ताकि रोहित के हत्यारे का सुराग हाथ लग सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहित की हत्या गला घोंट कर और मुंह दबाकर की गई है। ऐसे में अक्सर ऐसा होता है कि खुद को बचाने के प्रयास में व्यक्ति हत्यारे के हाथ पकड़ता है, उसे रोकने के लिए और इस क्रम में उसके नाखून आदि हमलावर के हाथ या शरीर के किसी हिस्से में लग जाते हैं। अब फॉरेंसिक जांच से ही पता चलेगा कि रोहित के नाखूनों में किसी दूसरे के शरीर की खाल आदि का रेशा मौजूद था या नहीं?