नई दिल्ली, पंडित शशिशेखर त्रिपाठी। कुंडली में राहु और शनि साथ होने पर क्या होता है। वहीं, कुंडली में राहु और सूर्य अगर एक साथ होने पर क्या होता है। इसके अलावा, अगर कुंडली में राहु के साथ चंद्रमा हैं, तो क्या होता है। इसका क्या प्रभाव पड़ता है। इसके बारे में बता रहें हैं पंडित शशिशेखर त्रिपाठी।
कुंडली में राहु और शनि साथ होने पर
राहु ग्रह न होते हुए भी बहुत प्रभावी होता है। इस छाया ग्रह का इतना भयंकर असर होता है कि यह रंक से राजा और राजा से रंक बनाने की दम रखता है। वैभव और समृद्धि देने पर उतरे तो अकूत संपदा दे देता है। यहां तक की, शुक्र जो कि लग्जरी के ग्रह हैं, उनसे भी अधिक लग्जरी दे देता है और यदि नाराज हो जाएं, तो ऐसा असाध्य रोग देते हैं कि सारी संपदा रोग दूर करने में स्वाहा जाती है और रोग आखिर प्राण भी ले लेता है। लेकिन वहीं दूसरी ओर सूर्य और राहु दो ऐसे ग्रह हैं जो एक दूसरे से विपरीत होते हुए भी अनेक प्रकार से समान भी है, दोनों ही ग्रह का संबंध दार्शनिकता और राजनीति के कारक भी हैं।
- कुंडली में इन दोनों ग्रहों की युति को सामान्यतः शुभ नहीं कहा जा सकता।
- सूर्य और राहु की युति ग्रहण योग का निर्माण करती है। कुंडली के जिस भाव में यह योग बनता है, उस भाव से संबंधित शुभ फलों में न्यूनता कर देता है।
राहु का स्वाभाव
- स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है
- राहु का सदुपयोग करना है
- राहु का संबंध बाबा से होता है यानी पूर्वजों से
- राहु अनुवांशिकता का भी कारक होते हैं
- परंपरा से हट कर कार्य करने वाला होता है राहु
सूर्य का स्वभाव
- सूर्य आत्मा एवं संतान है
- राजसत्ता का कारक है
- राजनीति और राजकीय सत्ता से लाभ
यदि कुंडली में राहु और सूर्य अगर एक साथ है तो...
- स्वास्थ्य का ध्यान रखें
- हड्डियों को लेकर ध्यान रखें
- पिता के साथ संबंध बिगड़ सकते हैं, वैचारिक मतभेद होने की आशंका रहती है
- ऐसा व्यक्ति जिसकी कुंडली में सूर्य और राहु की युति हो, वह सफल राजनेता भी होता है
- मुख्यतया यह योग यदि नवम, दशम एवं एकादश भावों में हो तो राजनीति में सफलता दिलाता है
- दोनों ग्रह राजनीति, प्रभुत्व एवं सत्ता के कारक ग्रह भी हैं
- यह दोनों की युति पितृ दोष का निर्माण करती है
उपाय क्या करें
- सूर्य उपासना करें
- राहु का दान
- सूर्य ग्रहण में जाप अवश्य करें
- खाने कैल्शियम ले
- अनेक मतभेद होने के बाद भी जिनकी भी कुंडली में राहु और सूर्य एक साथ है, उनको पिता का पूर्ण सम्मान करना होगा।
कुंडली में यदि राहु के साथ चंद्रमा हैं तो
- राहु- चंद्रमा पदोन्ति के लिए सहायक होंगे
- समय का सकारात्मक उपयोग करना होगा
- बच्चों को दूध से समस्या हो सकती है
- मन अचानक दुखी और प्रसन्नत हो सकता है
- अति उत्साहित न हो।
- किसी के बहकावे में नहीं आना है।
उपाय क्या करें
- मानसिकता को मजबूत रखना होगा
- मामा के साथ संबंध मधुर रखें
- रक्तचाप को लेकर ध्यान
- चांदी का उपयोग करें
- चंद्र ग्रहण में जरूर उपाय करें
- स्विमिंग करते हों, तो सावधानी बरतें
- शिव की उपासना करनी चाहिए