नई दिल्ली, एबीपी गंगा। निवेश करते वक्त क्या हम पूरी तरह से रिसर्च करते हैं। ये वो सवाल है जिसका जवाब न में ही सुनने को मिलता है। फाइनेंशियल प्रोडक्ट खरीदते हुए अक्सर लोग उन बातों को नजरअंदाज कर जाते हैं जो बेहद अहम साबित हो सकती हैं। लोग बीमा कंपनियों के एजेंट या बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर के झांसे में आ जाते हैं और वहां निवेश कर देते हैं जहां से बाद में उन्हें निराश होना पड़ता है। अगर आपको भी कोई फाइनेंशियल प्रोडक्ट गलत तरीके से बेचा गया है और आप इसे लेकर फंस गए हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको उन तरीकों के बारे में बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।


इंश्योरेंस पॉसिली
इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। अक्सर एजेंट गलत जानकारी देकर ग्राहकों को पॉलिसी बेच देते हैं। लेकिन, थोड़ी सा सावधान रहकर आप आसानी से सही जानकारी हासिल कर सकते हैं। बीमा नियामक इरडा ने बीमा पॉलिसी को समझने के लिए 15 दिन की अवधि रखी है। कुछ कंपनियां इसके लिए 30 दिन का समय देती हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि 'फ्री लुक पीरियड' यानी पॉलिसी को देखने-समझने की अवधि आवेदन की तारीख से शुरू नहीं होती है। बजाय इसके यह अवधि तब से शुरू होती है जब से पॉलिसी दस्तावेज ग्राहक को मिलते हैं। अगर आपको पॉलिसी, मसलन यूलिप या एंडावमेंट प्लान को गलत तरीके से बेचा गया है तो फ्री लुक पीरियड के अंदर इसे लौटाया जा सकता है।



बैंक/एनबीएफसी के फिक्स्ड डिपॉजिट
अगर आपको फिक्स्ड डिपॉजिट प्लान गलत ढंग से बेचा गया है, तो मैच्योरिटी से पहले निकासी सबसे अच्छा समाधान है। चूंकि ज्यादातर बैंक ब्याज पर बहुत मामूली पेनाल्टी लगाते हैं। इसलिए आपको अनुबंध में तय से थोड़ा कम ब्याज मिलेगा। इसमें पूंजी का नुकसान होने की आशंका कम रहेगी। हालांकि, आपने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के डिपॉजिट में पैसा लगा दिया है तो आप फंसे रहेंगे। कारण है कि ज्यादातर एनबीएफसी मैच्योरिटी से पहले निकासी की अनुमति नहीं देती हैं। जो देती भी हैं वे 1-3 फीसदी तक एफडी क्लोजर पेनाल्टी चार्ज करती हैं।



बैंलेंस्ड फंड
यदि आपको गलत बैलेंस्ड फंड बेचा गया है तो तुरंत भुनाने पर समस्या हो सकती है। कारण यह है कि इस स्थिति में ज्यादातर फंड आपसे 1 फीसदी का एक्जिट लोड वसूल करेंगे। ज्यादातर म्यूचुअल फंड एक साल के अंदर निवेश को भुनाने पर 1 फीसदी का एक्जिट लोड रखते हैं। हालांकि, बैलेंस्ड फंड के कारण इक्विटी निवेश काफी ज्यादा बढ़ जाने पर आपके पास भुनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। याद रखें कि एक्जिट लोड से नुकसान होता है।