प्रयागराज: अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट की महत्वपूर्ण बैठक कल यानी 18 जुलाई को होनी है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में राम मंदिर निर्माण की तारीख का एलान और शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों कराए जाने का फैसला लिया जा सकता है. इस बेहद महत्वपूर्ण बैठक में ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य और ज्योतिष पीठ के प्रमुख स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती शामिल नहीं होंगे. स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती कल बैठक के दिन भी प्रयागराज में अपने आश्रम में ही रहेंगे. हालांकि स्वामी वासुदेवानंद नाराज नहीं हैं.


स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती भी चातुर्मास का करते हैं पालन
दरअसल, इन दिनों चातुर्मास चल रहा है. पुरानी परंपाओं का पालन करते हुए तमाम संत महात्मा चातुर्मास के चार महीनों में अपने स्थान को नहीं छोड़ते. नदी पार की यात्रा तो वह इमरजेंसी हालात को छोड़कर कतई नहीं करते। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती भी चातुर्मास का पालन करते हैं, इसी वजह से वह प्रयागराज में अपने स्थान को नहीं छोड़ेंगे और बैठक में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने ट्रस्ट के सदस्यों को यह बता भी दिया है. उन्होंने कहा है कि बैठक में शामिल सदस्य आम सहमति से जो भी फैसला लेंगे, वह उसका पूरा समर्थन करेंगे और फैसलों पर उनकी सहमति होगी.


इतना ही नहीं विशेष परिस्थितियों में वह डिजिटल माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये भी बैठक से जुड़ जाएंगे. उनका कहना है कि सभी रामभक्तों की इच्छा है कि अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो. बैठक में रामभक्तों की जनभावनाओं का सम्मान करते हुए फैसला किया जाएगा.


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