Ayodhya News: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में अस्पताल में काम कर रही मेडिकल स्टूडेंट के साथ हुई दरिंदगी की घटना से अयोध्या के सभी डॉक्टरों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कैंडल जलाकर जमकर नारेबाजी की. आई एम के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे यह सारे डॉक्टर इंसाफ के नारे लगा रहे थे. प्रदर्शन के बाद यह सभी लोग कैंडल हाथ में लेकर खड़े हो गए और बात करते हुए बड़े भावुक नजर आए सुनिए. अयोध्या के डॉक्टरों ने कहा अयोध्या में भी चिकित्सा और मेडिकल स्टाफ काम पर नहीं रहेगा. हाथ में काली पट्टी बांधकर विरोध भी जताएगा.


डॉक्टर मंजूषा पाण्डेय ( अध्यक्ष आई एम ए अयोध्या ) ने कहा वह काली रात 9 अगस्त की थी, जिसमें सफेद रंग के अपरन को लाल कर दिया गया. डॉ मंजूषा ने बताया कि जो इतनी इमेजिंग यंग और इतनी पढ़ने में होशियार थी, वह टैलेंट थी, जिसको एक के साथ इतने लोगों ने संघर्ष किया और उसकी मौत के घाट उतार दिया. उसकी आंखों को जख्मी कर दिया गया. मैं सोचती थी कि निर्भया वाले केस में जब फांसी हो गई तो अब कोई हिम्मत नहीं करेगा रेप करने की. 


'देश स्वतंत्र होने के बाद हमारा यह हाल'
डाक्टर सईदा रिजवी ने कहा कि बेरहमी से इतनी क्रूरता से एक पढ़ने वाली बच्ची का मर्डर करना और वह भी जो अपनी इमरजेंसी ड्यूटी में थी. भाई मरीजों के लिए ही तो उसकी 36 घंटे की इमरजेंसी ड्यूटी थी. एक तरफ आप यह कहते हैं कि लड़की पढ़ाओ लड़की बचाओ और एक तरफ आप एक कन्या की इतनी निष्कर्ष हत्या करते हैं. देश स्वतंत्र होने के बाद आज हम लोग का यह हाल है कि हमारे देश में हमारी महिलाओं के लिए इज्जत के लिए महाभारत हो जाता था, पूरी लंका नष्ट कर दी जाती थी. 


'घटना होने पर तुरंत कार्रवाई हो'
डॉक्टर नानक सरन ने कहा कि हमारे देश में सबके लिए बिल्कुल एकदम अलग नियम बनना चाहिए. पूरे देश में जिससे कभी कोई ऐसी घटना घटे तो उनके ऊपर तुरंत कार्रवाई करके तुरंत निर्णय हो. कोई डिले ना किया जाए और जल्दी-जल्दी निर्णय लिया जाए. जब कोरोना आया तो हम सबसे आगे लड़े, आज हमारी हालत है कि हमारी बहनों के साथ लड़कियों के साथ बलात्कार होता है. ऐसा बलात्कार जो आप सुनकर कल्पना नहीं कर सकते हैं. मर्डर भी हो जाता है और अभी तक उसमें ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिससे चिकित्सक वर्ग संतुष्ट हो सके.


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