UP News: मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष की रीकाल अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच का फैसला दोपहर 3:50 पर आएगा. शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी ने हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ किए जाने के आदेश को चुनौती दी है और अदालत से यह आदेश वापस लिए जाने की गुहार लगाई है.


आज के फैसले में अदालत को यह तय करना है कि हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई तकरीबन डेढ़ दर्जन याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जाएगी या नहीं. मथुरा के मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर हाईकोर्ट से आज आने वाला फैसला बेहद अहम होगा. हाईकोर्ट अगर मुस्लिम पक्ष की अर्जी को मंजूर कर लेता है तो मुकदमों का ट्रायल भी प्रभावित हो सकता है.


शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की तरफ से हाईकोर्ट में पिछले दिनों अर्जी दाखिल कर इसी साल 11 जनवरी के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें अदालत ने हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल किए गए सभी मुकदमों को एक साथ क्लब कर सुनवाई किए जाने का फैसला दिया था. मस्जिद कमेटी की तरफ से कहा गया कि सभी मुकदमों में अलग-अलग मांग की गई है, इसलिए इन्हें एक साथ नहीं सुना जाना चाहिए. 


मुकदमों की सुनवाई एक साथ होने से उनका सभी मामलों में विरोध का अधिकार खत्म हो जाएगा. शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की तरफ से कोर्ट में यह भी दलील दी गई थी कि मुकदमों की पोषणीयता तय होने से पहले ही उन्हें कंसोलिडेटेड यानी एक साथ नहीं सुना जा सकता.


मुकदमों की पोषणीयता के बिंदु पर हाई कोर्ट का फैसला एक अगस्त को आया था, जिसमें मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज करते हुए हिंदू पक्ष के मुकदमों का ट्रायल शुरू किए जाने का आदेश दिया गया था. जबकि हाईकोर्ट ने पंद्रह मुकदमों की सुनवाई एक साथ किए जाने का आदेश 11 जनवरी को ही जारी कर दिया था.


हिंदू पक्ष ने रीकॉल अर्जी का किया था विरोध


हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की रीकॉल अर्जी का विरोध किया गया था. कहा गया कि सभी मुकदमों में मुख्य रूप से एक ही मांग की गई है. हर मुकदमे में यही कहा गया है कि मौजूदा समय में जिस जगह शाही ईदगाह मस्जिद है, वह जगह पहले भगवान श्री कृष्ण के जन्म स्थान का हिस्सा हुआ करता था. मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाई गई थी. ऐसे में विवादित जगह एक बार फिर से हिंदुओं को सौंप कर उन्हें वहां पूजा का अधिकार दिया जाए.


16 अक्टूबर को रिजर्व किया था जजमेंट


अगर शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की री काल अर्जी को इलाहाबाद हाईकोर्ट खारिज कर देता है तो मुकदमों के ट्रायल का रास्ता साफ हो जाएगा. ट्रायल शुरू होने से पहले अदालत सभी पक्षों से वाद बिंदुओं को लेकर सुझाव मांगेगा. रीकाल अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 16 अक्टूबर को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था.


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