Shahi Idgah Mosque Case: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आ गया है. फैसले पर काशी के संतों ने प्रतिक्रिया दी है. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि स्वागत योग्य फैसला है. उन्होंने कहा कि हिंदू पक्ष का हमेशा से मानना रहा है कि जमीन आराध्य भगवान श्री कृष्ण की है. उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय संत समिति भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली की मुक्ति के संदर्भ में अदालत का सही दिशा में बढ़ा हुआ एक कदम मानती है.


काशी के संतों ने हाईकोर्ट के फैसले पर दी प्रतिक्रिया


स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि ज्ञानवापी की तर्ज पर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त होगा और कमीशन की कार्रवाई पूरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में फैसले का लंबे समय से संतों को इंतजार था. अब ज्ञानवापी की तर्ज पर शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण किया जाएगा. बता दें कि ज्ञानवापी मामले में एएसआई सर्वे कार्य लगभग 92 दिनों तक चला. एएसआई की मांग पर सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत ने मोहलत बढ़ा दी.


शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण की मिली अनुमति


अदालत ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय दिया. एक बार फिर समय अवधि बढ़ाते हुए अदालत ने एएसआई को 18 दिसंबर तक ज्ञानवापी मामले में सर्वे रिपोर्ट पेश करने की मोहलत दी है. ज्ञानवापी विवाद के बाद अब श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाही मस्जिद विवाद की जोर शोर से चर्चा हो रही है. हाईकोर्ट 18 दिसंबर को होनेवाली अगली सुनवाई में एडवोकेट कमिश्नर के जरिए सर्वेक्षण कराने की रूपरेखा तय कर सकता है. गुरुवार को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में फैसला सुनाया. शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के सर्वे की इजाजत मिलने होने से हिंदू पक्ष बड़ा फैसला बता रहा है. 


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