Janmashtami 2022: कृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा में उमड़ी भक्तों की भीड़, बढ़ाई गई सुरक्षा, PAC, RAF, ATS तैनात
Janmashtami 2022: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) पर मथुरा (Mathura) के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. इस दौरान सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं.
Janmashtami 2022 Puja: देशभर में शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का त्योहार मनाया जा रहा है. वहीं इस त्योहार को देखते हुए मथुरा (Mathura) के प्रमुख मंदिरों के आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) का पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा. मथुरा के एसएसपी (Mathura SSP) नगर मार्तंड प्रकाश सिंह ने इस संबंध में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि त्योहार को देखते हुए बृजभूमि के प्रमुख मंदिरों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हर साल की तरह इस बार भी जन्माष्टमी पर हजारों की संख्या में भक्त यहां पूजा अर्चना के लिए आते हैं.
मथुरा के SSP ने कहा, "मथुरा में कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां की जा रही है. पीएसी, अर्धसैनिक बल, आरएएफ, एटीएस कमांडो और सिविल पुलिस सहित पर्याप्त बल तैनात हैं. ड्रोन से निगरानी की जा रही है. शहर के कोर एरिया को नो व्हीकल/नो पार्किंग एरिया घोषित किया गया है." उन्होंने कहा कि मोबाइल और नकदी चोरी, चेन की छिनैती और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रमुख मंदिरों में सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मी तैनात किए हैं.
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मंत्री ने किया शोभा यात्रा का उद्घाटन
वहीं कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कृष्ण से जुड़ी प्रस्तुतियां देने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों द्वारा निकाली गई शोभा यात्रा का गुरुवार को उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम का आयोजन उप्र बृज तीर्थ विकास परिषद और पर्यटन विभाग द्वारा मिलकर किया गया था. नगर के प्रमुख चौराहों को पट्टियों और रंग-बिरंगी लाइट से सजाया गया है.
श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने कहा कि श्री कृष्ण जन्मस्थान में मध्य रात्रि अभिषेक के लिए आने वाले प्रत्येक आगंतुक को धार्मिक अनुष्ठान के बाद प्रसाद दिया जाएगा. वृंदावन के राधा रमण, राधा दामोदर और टेढ़े खंबेवाला मंदिरों में तैयारियां जोरों पर हैं, क्योंकि इन प्राचीन मंदिरों में जन्माष्टमी शुक्रवार को रात के बजाय दिन में मनाया जाएगा. शुक्रवार की मध्य रात्रि के बाद कृष्ण के गोकुल आगमन का पर्व मनाने के लिए गोकुल में भी तैयारियां जोरों पर हैं. गोकुल के लोग जन्माष्टमी के अगले दिन कृष्ण के आगमन की खुशी में दहीखाना त्यौहार मनाते हैं, जिसमें दही और हल्दी के मिश्रण का भोग लगाया जाता है.
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