Kedarnath Mandir: उत्तराखंड (Uttarakhand) के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित बदरीनाथ मंदिर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के मौके पर बुधवार को पूजा-अर्चना के चलते मध्यरात्रि के बाद दो बजे बंद होगा. बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ (Harish Gaur) ने बताया कि देर रात में बंद होने की वजह मंदिर को गुरुवार सुबह साढ़े चार बजे की बजाय छह बजे खोला जाएगा और सवा छह से अभिषेक पूजा शुरू की जाएगी. मंदिर में जन्माष्टमी का परम्परागत उत्सव शुरू हो गया है जो देर रात तक चलेगा.
हरीश गौड़ ने बताया कि मंदिर समिति और तीर्थपुरोहित जन्माष्टमी के पर्व पर बढ़-चढ़कर भागीदारी कर रहे हैं. जन्माष्टमी के लिए बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह और परिसर को अच्छे से सजाया गया है. गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ धाम की तरह केदारनाथ धाम, जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर, उखीमठ के श्री ओंकारेश्वर मंदिर और मंदिर समिति के सभी मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में मंगलवार से ही बड़ी संख्या में तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंच चुके हैं.
क्या है जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त?
बता दें कि बुधवार (6 सितंबर) को रात 11: 56 मिनट से लेकर गुरुवार (7 सितंबर) 12:42 मिनट तक जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त है. इस दिन आप देर रात को बाल गोपाल का जन्मोत्सव मना सकते हैं. वहीं, जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त रात्रि 12.02 बजे से लेकर 12.48 बजे तक रहेगा. इस मुहूर्त में लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना की जाती है. विधि-विधान से पूजा करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस मान्यता के अनुसार गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर को जन्मोत्सव मनाएंगे. इस दिन रोहिणी नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है.
ये भी पढ़ें- Kedarnath Yatra 2023: दिल्ली में जी20 की होने वाली बैठक का केदारनाथ यात्रा पर पड़ा असर, बंद हुईं सभी हेली सेवाएं