Kundarki By Election: कुंदरकी में रामवीर सिंह की किस्मत दांव पर, बीजेपी के लिए इसलिए बढ़ी चुनौती
Kundarki By Election 2024: कुंदरकी समेत यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव में है. इस बार सबकी नजरें भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी रामवीर सिंह पर टिकी हैं. जानें क्या है वजह?
Mundarki Bypoll Election 2024: मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी रस्साकशी तेज हो गई है. इस कुंदरकी उपचुनाव में कुल 12 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें से 11 मुस्लिम प्रत्याशी हैं. इस सीट पर 13 नवंबर को चुनाव होगा और 23 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे.
कुंदरकी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए कुल 19 प्रत्याशियों ने 23 नामांकन पत्र दाखिल किए थे. इनमें से 5 के पर्चे अलग-अलग खामियों की वजह से निरस्त कर दिए गए थे, जबकि 2 ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया था.
कुंदरकी में हैं 11 मुस्लिम प्रत्याशी
अब चुनावी रण में सिर्फ 12 प्रत्याशी बचे हैं, जिनमें से 11 मुस्लिम प्रत्याशी हैं. भारतीय जनता पार्टी ने यहां से रामवीर सिंह ठाकुर को प्रत्याशी बनाया है. भारतीय जनता पार्टी को मुस्लिम वोटरों के बंटने से उम्मीद की किरण नजर आ रही है. रामवीर सिंह ठाकुर 1993 के बाद दूसरी बार इस सीट पर बीजेपी को फतह दिलाने लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं.
जिन 12 प्रत्याशियों के नामांकन सही पाये गये हैं, उनमें बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह ठाकुर, सपा प्रत्याशी हाजी मोहम्मद रिजवान और बीएसपी प्रत्याशी रफतउल्ला प्रमुख रूप से शामिल हैं. ओवैसी की AIMIM पार्टी के प्रत्याशी हाफिज मोहम्मद वारिस और चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी हाजी चांद बाबू भी चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं.
बीजेपी प्रत्याशी के भाई ने नाम वापस लिया
जिन प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए हैं उनमें रामवीर के भाई का निर्दलीय के रूप में किया गया नामांकन भी शामिल है. जांच अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रीय दलों में बीएसपी प्रत्याशी रफतउल्ला, बीजेपी के रामवीर सिंह ठाकुर, सपा के मोहम्मद रिजवान के पर्चे सही पाए गए हैं.
इसी प्रकार आजाद समाज पार्टी कांशीराम से चांदबाबू, एआईएमएआईएम के मो. वारिस, मिहिर भोज समाज पार्टी के साजेब और निर्दलीय मसरूर, मोहम्मद उवैश पुत्र मो. रिजवान, मो. उवैश पुत्र हनीफ, रिजवान अली, रिजवान हुसैन और शौकीन के पर्चे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जांच में सही पाए गए हैं. इस तरह से कुल 12 प्रत्याशी कुन्दरकी के रण में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
मुस्लिम बाहुल्य सीट पर बीजेपी की चुनौती
इस सीट पर अधिकतर सपा बीएसपी का कब्जा रहा है. बीजेपी इस सीट पर 1993 के बाद कभी नहीं जीती है. परिसीमन के बाद यह सीट मुस्लिम बहुल सीट मानी जाती है. इस सीट पर 65 से 70 मतदाता हैं, जो किसी भी दल की दशा और दिशा बदल सकते हैं.
भारतीय जनता पार्टी भी कुंदरकी में कमल खिलने के लिए दूसरे तबके के वोटरों के साथ मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने के फिराक में है. अब देखना होगा कि इस बार 13 नवंबर को किसको अपना प्रतिनिधि चुनती है. प्रदेश की अन्य 9 सीटों के साथ कुंदरकी में भी 23 नवंबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा.
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