UP Politics News: 'पसमांदा सम्मेलन' (Pasmanda Sammelan) के बाद अब भारतीय जनता पार्टी 'एक देश एक डीएनए' कार्यक्रम से अल्पसंख्यकों में पैठ बनाने की तैयारी कर रही है और उसकी जिम्मेदारी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली (Kunwar Basit Ali) को दी गई है. उनका कहना है कि धर्म अलग हो सकता है लेकिन बिरादरी एक ही है और ऐसी बिरादरी के लोगों को जोड़ने के लिए 'एक देश एक डीएनए' की थीम पर स्नेह मिलन सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.


बासित अली ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से इसकी शुरुआत होगी. वहां जाट-मुस्लिम बिरादरी के नेताओं को एक मंच पर लाया जाएगा. मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम-राजपूत, मुस्लिम-जाट और मुस्लिम-गुर्जर की आबादी ढाई लाख के आसपास है लेकिन इनके पास अपना कोई नेता नहीं है. बासित अली ने कहा कि सामाजिक रूप से जाट किसी जाट को ही अपना नेता मानता है. गुर्जर गुर्जर को, मुस्लिम राजपूत मुस्लिम राजपूत को अपना नेता मानता है. मुस्लिम राजपूत अपना नेता योगी जी को मानते हैं या अनुराग ठाकुर को मानते हैं. राजनाथ सिंह को मानते हैं. 


इन जातियों के नेता होंगे इस कार्यक्रम में शामिल
बासित अली ने कहा, 'विरासत से जो चीजें चली आ रही हैं. उनको सियासत के माध्यम से आगे बढ़ाया जाएगा. पश्चिमी यूपी के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने के लिए सपा, बसपा और कांग्रेस लगातार दंगों के आधार पर लोगों को बांटती रही है लेकिन अब इस कार्यक्रम के माध्यम से बीजेपी पश्चिमी यूपी के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करेगी.' कार्यक्रम में मुस्लिम राजपूत, मुस्लिम जाट, मुस्लिम गुर्जर, मुस्लिम त्यागी के प्रधान, जिला पंचायत सदस्य और नेता बड़ी तादाद में भागीदारी करेंगे. इन बिरादरी में सबसे ज्यादा किसान हैं और बीजेपी ने किसानों के लिए बहुत काम किया है. यह सही वक्त है कि इन बिरादरियों को सामाजिक तौर पर सर्वमान्य नेता का दर्जा दिया जाए.


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