ED Raid in Kushinagar: कुशीनगर में ईडी की टीम को वारंटी हाथ नहीं लगे हैं. शुक्रवार को ईडी की टीम गिरफ्तारी वारंट की तामील कराने खड्डा पहुंची थी. ईडी कोर्ट से मनरेगा घोटाले के आरोपियों का गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था. छापेमारी के बावजूद ईडी को सफलता नहीं मिल सकी. बता दें कि खड्डा विकास खंड में वर्ष 2007 से 2010 के बीच मनरेगा घोटाले की हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच हुई थी. चार गांवों के तत्कालीन प्रधानों, सचिवों और तकनीकी सहायकों पर सीबीआई और ईडी ने मुकदमा दर्ज किया.


वारंटियों की तलाश में ईडी की छापेमारी


दो पूर्व प्रधान एक वर्ष से जेल में हैं. सीबीआई ने वर्ष 2015 में नरायनपुर, शाहपुर, भैसहां और पकड़ी बृजलाल गांवों में हुए मनरेगा कार्यों की जांच की थी. जांच के बाद तत्कालीन ग्राम प्रधानों, सचिवों, तकनीकी सहायकों को दोषी मानते हुए सीबीआई ने चार्जशीट अदालत में पेश किया था. मामला न्यायालय में विचाराधीन है. सीबीआई कोर्ट लखनऊ से जमानत पर सभी आरोपी बाहर हैं. मनरेगा घोटाले की सीबीआई जांच शुरू होते ही ईडी ने भी मुकदमा दर्ज कर लिया था. ईडी कोर्ट ने आरोपियों को हाजिर होने का फरमान जारी किया.


मनरेगा घोटाले के आरोपियों ने दिया चकमा


उन्होंने ईडी कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. लिहाजा, गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया. लगभग एक वर्ष पूर्व नरायनपुर के तत्कालीन प्रधान घनश्याम और शाहपुर की प्रधान सलहंता देवी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. अभी दोनों पूर्व प्रधान जेल में हैं. चार गांवों के तत्कालीन पंचायत सचिव उमेश कुमार राय और अन्य हाजिर नहीं हुए. ईडी कोर्ट की तरफ से गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया. तत्कालीन तकनीकी सहायक विजय कुमार को कुछ दिन पहले ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. अन्य की तलाश में शुक्रवार शाम ईडी की टीम खड्डा पहुंची. आरोपी राजेश अग्रवाल, पड़री की तत्कालीन ग्राम प्रधान और भैसहां के तत्कालीन ग्राम प्रधान विकास गुप्ता की तलाश में की गई छापेमारी बेनतीजा रही. 


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