Kushinagar News: भारत में अकसर लोग यहां के राजनेताओं को उनकी पीठ पीछे गालियां देते हैं. क्योंकि यहां के नेता चुनाव होने तक तो जनता के बीच रहते हैं, लेकिन उसके बाद 5 सालों तक अता-पता ही नहीं रहता. लेकिन हर नेता को लेकर ऐसा नहीं कहा जा सकता. पैसे और ताकत के इस दलदल में कुछ नेता ऐसे भी हैं तो कुर्सी पाने के बाद भी पूरी शिद्दत के साथ समाज के उत्थान में लगे हुए हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही नेता से मिलवाने जा रहे हैं, जो अपने काम की वजह से इन दिनों सुर्खियों में छाए हुए हैं.


विधायक बनने के बाद भी छात्रों को पढ़ा रहे सुरेंद्र कुशवाहा


जी हां, हम बात कर रहे हैं  कुशीनगर से बीजेपी विधायक सुरेंद्र कुशवाहा की, जिन्होंने समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता स्वामीप्रसाद मौर्या को हराकर जीत दर्ज की थी. दरअसल सुरेंद्र कुशवाहा पेशे से अध्यापक भी हैं और उन्होंने विधायक का वेतन लेने से साफ इंकार कर दिया है. उनका  कहना है कि वह विधायक की जगह अध्यापक की सैलरी लेंगे. कुशवाहा स्थानीय पावानगर महावीर इंटर कॉलेज में सामाजिक विज्ञान पढ़ाते हैं और विधायक बनने के बाद भी नियमित तौर पर स्कूल में छात्रों को पढ़ाने जाते हैं. सुरेंद्र कुशवाहा चाहते तो औरों की तरह पांच साल तक अवैतनिक छुट्टी लेकर विधायकी का आनंद ले सकते थे, लेकिन उनके भीतर के शिक्षक ने इसकी गवाही नहीं दी और वह अब भी छात्रों को पढ़ाने का दायित्व निभा रहे हैं.


विधायकी का वेतन लेने से किया इंकार


सुरेंद्र कुशवाहा का कहना है कि वह बतौर विधायक अपना वेतन नहीं लेने के लिए पत्र भी लिख चुके हैं. वह शिक्षक का ही वेतन लेंगे और छात्रों को पढ़ाएंगे. यहां बता दें कि कुशवाहा केवल अपना वेतन छोड़ रहे हैं, बाकी भत्ते वे लेते रहेंगे. सुरेंद्र रोजाना 10 बजे विद्यालय पहुंचकर हाजिरी देते हैं और फिर पूरी शिद्दत के साथ बच्चों को पढ़ाते हैं. विद्यालय खत्म होने के बाद वह क्षेत्र में समय देते हैं. यही उनकी दिनचर्या है.


विधायक को अपने बीच पाकर छात्र गदगद


सुरेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वे अपना अधिकतम समय बच्चों को देना चाहते हैं, क्योंकि ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि वे भले ही विधायक बन गए हों मगर बच्चों का  समय पर कोर्स पूरा करना उनकी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि जब सदन चलेगा तो उस दौरान वह अवैतनिक अवकाश पर रहेंगे. वहीं, शिक्षक के रूप में विधायक को अपने बीच पाकर बच्चे भी गदगद हैं. बच्चों के मन के एक अलग तरह की खुशी है कि उन्हें विधायक जी पढ़ा रहे हैं.


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