UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुशीनगर (Kushinagar) में हॉस्पिटल संचालक पर दर्ज मुकदमे में जांच करने वाले को हनी ट्रैप कर फंसाने की बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया गया है. यहां एक सब इंस्पेक्टर को महिला द्वारा मोबाइल से वीडियो कॉल और ऑडियो रिकॉर्डिंग करके फंसाने की नियत से वायरल किया गया था. इस मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है. इस पूरे मामले में महिला सहित उसके तीन सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है. दरअसल तीन दिन पूर्व एक वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुई थी. ऑडियो और वीडियो रिकार्डिंग सब इंस्पेक्टर की थी जिसमें वे महिला से बात करते हुए चेहरा दिखाने और मिलने की बात कर रहे थे. 


वायरल होते ही लाइन हाजिर किया गया था
वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल होते ही आरोपी चौकी प्रभारी फाजिलनगर आलोक यादव को एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया था. इस पूरे मामले की जांच SHO पटहेरवा कर रहे थे. पुलिस ने तत्काल कॉल करने वाली महिला को पकड़ा तो सारा मामला सामने आया. महिला के मोबाइल में कुछ और ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली जिसमें सब इंस्पेक्टर को फंसाने की साजिश रची गई थी. ऑडियो मिलते ही पुलिस हरकत में आई और साजिश में शामिल सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने बताया कि सब इंस्पेक्टर को हनी ट्रैप करके फंसाया जा रहा था. सभी आरोपी पकड़े गए हैं. आगे जांच चलती रहेगी. 


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जांच समाप्त करवाने के लिए रची साजिश
कुशीनगर के थाना पटहेरवा में मामला दर्ज किया गया था. इसकी जांच चौकी प्रभारी फाजिलनगर आलोक कुमार यादव कर रहे थे. उसी जांच में एफआर लगाने और जांच समाप्त करने के लिए कथित छोला छाप डॉक्टर सेराज अहमद और उसके साथियों द्वारा कई प्रकार से दबाव बनाया जा रहा था. जब सेराज अहमद द्वारा इस मुकदमे में कोई बचाव का रास्ता नहीं दिखा तो उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक रणनीति के तहत इस पूरे घटना को अंजाम दिया. साजिश में शामिल महिला लगातार अपनी पहचान छिपाकर फोन कर रही थी. 


चार गिरफ्तार किए गए
उनकी साजिश थी कि इसे आधार बनाकर पहले से दर्ज मुकदमे की जांच को प्रभावित करते हुए एफआर लगवाया जा सके. इसी नियत से सोशल मीडिया पर रिकॉर्ड आडियो/वीडियो को वायरल भी किया गया. इस आरोप में भी 02.06.2022 को मु0अ0सं0 210/22 धारा 115,116,193,120बी, 34 भादवि और 68 आईटी एक्ट सभी अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज किया गया है. इस पूरी घटना में हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर सेराज अहमद पुत्र अमानत अली, गोविन्द यादव पुत्र धनेश यादव, सुमित राय उर्फ गोलू राय पुत्र रामअवतार राय और एक अन्य अभियुक्ता को गिरफ्तार किया गया है.


एसपी ने क्या बताया
पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने बताया कि, पुलिस की छवि धूमिल करने की नियत से एक गैंग द्वारा हनी ट्रैप करके दरोगा को फंसाया गया था. ऑडियो/वीडियो के वायरल होने के बाद आरोपी सब इंस्पेक्टर आलोक यादव को फाजिलनगर से लाइन हाजिर कर दिया गया था. इस पूरी घटना का पर्दाफाश एक बड़ी चुनौती बन गई थी. आरोपी महिला से मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने इसका खुलासा किया है. पूर्व में दर्ज मुकदमे में एफआर लगवाने की नियत से एक झोला छाप हॉस्पिटल संचालक ने इसकी पूरी साजिश रची थी. इसमें उसके दो सहयोगी भी शामिल थे. महिला के साथ इन सभी चारों अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जांच की जा रही है.


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