कुशीनगर, एबीपी गंगा। योगी सरकार में एक छात्रा की आबरू की कीमत बीस हजार रुपये लगाई गई है। यहां बलात्कार पीड़िता अपने परिवार के साथ न्याय के लिए दस दिन से थाने का चक्कर लगा रही थी लेकिन थानाध्यक्ष ने मुकदमा दर्ज करना मुनासिब नहीं समझा। आज पीड़िता और उसके पिता ने जब पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई तब जाकर पुलिस अधीक्षक ने मुकदमा दर्ज करने का फरमान सुनाया।


पीड़िता के परिवार की मानें तो गांव में बलात्कार को लेकर बाकायदा पंचायत भी कराई गई और पंचायत में उसकी आबरू की कीमत 20 हज़ार लगा दी गई थी। और तो और कल, थानेदार ने तो हद ही कर दी जब थाने में भी सादे कागज पर अंगूठा लगवा कर समझौता करा दिया। लेकिन जब आज पीड़िता न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक से मिली तो आनन-फानन में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही का फरमान जारी हो गया लेकिन जब थाने में दरोगा जी ही जब बलात्कार की घटना में जबरन समझौता कराएंगे तो न्याय की उम्मीद एक गरीब आदमी कहां लेकर जाएगा।


ये है मामला
कुशीनगर जनपद के बरवापट्टी थाना क्षेत्र के एक गाँव मे 22 मई की रात में कक्षा 6 में पढ़ने वाली छात्रा को उसी के गाँव के बगल में रहने वाले दो युवक "हैदर व मेराज" मोटरसाइकिल से उठा ले गए और रात भर हैवानों की तरह नोचते रहे फिर सुबह 4 बजे लाकर घर छोड़ दिये। घर मे परेशान बेचारी उसकी माँ अपनी बेटी की राह देख रही थी लेकिन उसे क्या पता था कि उसकी बेटी के साथ क्या हुआ है। जैसे ही सुबह वह घर पहुचीं उसने अपनी आप बीती अपने माँ को बताई। तो छात्रा की माँ अपनी बेटी के साथ हुई घटना की तहरीर थानाध्यक्ष को दी। थानाध्यक्ष को तहरीर मिलने के बाद गाँव मे पंचायत का खेल शुरू हो गया। गाँव मे हुई पंचायत में गाँव के कुछ लोग शामिल हुए और उसमे इसकी आबरू की कीमत बीस हजार रुपए लगाई गई और यह शर्त रखी गई कि पीड़िता व उसका परिवार अपना मुंह नही खोलेगा। पीड़िता की माने तो इस पंचायत की बाकायदे वीडियो भी बनाई गई और बाद में पैसा भी छीन लिया गया।


इस पंचायत को पीड़िता की मां नही मानी और यह सारी बात अपने दूसरे प्रदेश हिमांचल प्रदेश में काम कर रहे अपने पति को बताई। मजदूरी करके गुजारा करने वाले इस परिवार के मुखिया ने समझौता न मानकर न्याय की उम्मीद में थाने में दुबारा तहरीर दी दी। पंचायत के बाद दुबारा तहरीर मिलने के बाद थानाध्यक्ष महोदय भड़क गए और पीड़िता और उसके पिता को जबरदस्ती थाने में बुलवाकर कमरा बंद करा कर सादे कागज पर अंगूठा लगवा दिया। थानाध्यक्ष महोदय ने भी मारपीट का भय दिखाकर थाने में समझौता लिखवा दिया और इस गरीब परिवार को मुह नही खोलने की हिदायत दे दी।


थाने पर न्याय नहीं मिलने पर आज पीड़िता का पिता अपनी नाबालिग बेटी के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच कर पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपनी आपबीती बताई। पुलिस अधीक्षक ने मामले का संज्ञान लेकर आनन फानन में तुरंत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया।


पीड़िता ने सुनाई दास्तान
अपनी आपबीती बताते हुए पीड़िता ने कहा कि हम अपने दरवाजे पर थे। मोटरसाइकिल से आए लोग और हमको बैठाकर ले गए और सुबह चार बजे छोड़े हैं हमको। मैंने अपनी माँ से सारी बात बताई तो माँ थाने पर दरखास्त लेकर गई तो वह लोग भी वहां आए और हमारी मा को ले जाकर सुलह कर लिए। बीस हजार रुपये देकर रिकार्डिंग कर लिए फिर से पैसा वापस ले लिए लोग। और हमसे कहे लोग किसी से कहना मत। कल थाने पर गए थे हमारे अंगूठे का निशान लेकर समझौता करा दिए और घर पहुंचवा दिए।


पीड़िता के पिता ने बताया कि हम हिमांचल कमाते हैं। हमारी लड़की को लोग उठा कर ले गए लोग नव बजे रात को और सुबह छोड़ गए । हमारी लड़की के साथ गलत काम किए लोग और लड़की से बोले किसी से कहोगी तो जान से मार देंगे। हम परदेश थे वहां से आए और दरखास्त दिए। दरोगा जी बुलाए और कहे कि पेपर में नाम छपने से तुम्हारी लड़की की शिकायत होगी। थाने पर बुलाए और कहे सुलह कर लो और थाने में अंदर बैठाकर हमारा और हमारी लड़की के अंगूठे का निशान ले लिए और कहे किसी से कहना मत। मैं जिले पर आया हूं मुझे न्याय चाहिए।


इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस कार्यालय में पिता अपनी पुत्री के साथ उपस्थित हुआ । एक आवेदन दिया है जिसमे उसकी पुत्री के साथ दुष्कर्म का हवाला है। दो युवक साथ थे एक युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया हैंम इसपर संबंधित थाने को मेरे द्वारा अभियोग पंजीकृत करने का आदेश दिया गया है और अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए टीम भेज दी गई है। शीघ्र ही इसमें विधिक कार्यवाही की जाएगी। गाँव मे और पुलिस द्वारा समझौता कराने के सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने कहा इस प्रकार की बात है कि समझौते का प्रयास गाँव अथवा थाने स्तर पर किया गया है तो इसी विवेचना में जो दोषी होगा उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाएगी।