UP News: समाधान दिवस के दिन न्याय न मिलने से पेड़ पर चढ़ गया फरियादी, तहसील के कर्मचारियों से था परेशान
Kushinagar News: समाधान दिवस में पहुंचे फरियादी के मांग के अनुसार वह अपनी दो बहनों के लिए जाति प्रमाण पत्र बनवाने की बात कह रहा था जो कि शादी शुदा हैं और अपने घर हैं.
UP News: कुशीनगर जिले के कसया तहसील में समाधान दिवस के अवसर पर एक फरियादी को न्याय न मिला तो वह पेड़ पर चढ़ गया और चढ़ने के बाद हुआ शोर करने लगा. पेड़ पर चढ़ने की सूचना पाकर तहसील के प्रशासनिक अधिकारी के हाथ-पैर फूल गए और तुरंत थाना थानाध्यक्ष को भेज कर उतरवाने के लिए प्रयास करने लगे. थानाध्यक्ष के प्रयास पर भी फरियादी ने पेड़ से नहीं उतरा तो उसके बाद नायब तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर उसकी मांग सुनी.
फरियादी के मांग के अनुसार वह अपनी दो बहनों के लिए जाति प्रमाण पत्र बनवाने की बात कह रहा था जो कि शादी शुदा हैं और अपने घर हैं. उसके बाद भी अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाने की मांग कर रहे है और इनका अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत गोड़ बिरादरी का जाति प्रमाण पत्र बना है. फरियादी का कहना है कि तहसील के कर्मचारी हमारे दोनों बहनों का प्रमाण पत्र नहीं बना रहे हैं, हमको परेशान किया जा रहा है. हम परेशान हैं, इसके पहले भी ये बीजेपी का पूर्व नेता प्रियेश गोड़ ने जिला समाज कल्याण विभाग के सामने जाति प्रमाण पत्र को लेकर धरने पर बैठा हुआ था. कई दिन बैठने के बाद समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने उसकी बातों को मानते हुए उसका धरना समाप्त करवाया था.
इस धरने के दौरान इसने बुद्धि शुद्धि का यज्ञ करवाया था और आज पुनः प्रमाण पत्र के लिए की गोड़ बिरादरी का जाति प्रमाण पत्र बने उसी के क्रम में अपने दो बहनों के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए वह तहसील प्रांगण के एक वृक्ष पर चढ़ गया और न्याय की मांग करने लगा. तहसीलदार और थाना अध्यक्ष के समझने के बाद वह नहीं माना. फिर उसको पुलिस ने जबरन पेट के पेड़ से उतरने के साथ-साथ उसको थाने लेकर गई और अग्रिम कार्रवाई में जुट गई. पेड़ पर चढ़ने के दौरान नायब तहसीलदार और फरियादी के बीच बहस हुई. नायब तहसीलदार समझाने का प्रयास किया. वहीं इस सन्दर्भ में उपजिलाधिकारी योगेश्वर सिंह का कहना है कि फरियादी द्वारा जो आरोप लगाया जा रहा है वह निराधार है. पूर्व में इनका जाति प्रमाण पत्र बनाया गया है और इनके द्वारा अधिकारियों के ऊपर दबाव बनाया जा रहा था जो बेबुनियाद है.