Kushinagar News: उत्तर प्रदेश (UP) के कुशीनगर के रामकोला विकास खंड में एक सप्ताह के अंदर तेज बुखार और झटके की वजह से तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई है. ये सभी मामले गांव खोटही के हैं. यहां सपना नाम की सात साल की बच्ची को तेज बुखार हुआ. ऐसे में परिजन उसको पहले सरकारी अस्पताल ले गए लेकिन समुचित इलाज न होने की वजह से गोरखपुर मेडिकल कालेज (Gorakhpur Medical College) ले गए, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई.


वहीं पांच महीने की बच्ची लक्षिता की महराजगंज सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके अलावा डेढ़ साल के बच्चे हिमांशु का कप्तानगंज सीएचसी, फिर जिला अस्पताल और प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराया गया लेकिन उसको मौत से नहीं बचाया जा सका. परिजनों का आरोप है कि अस्पतालों में इलाज का समुचित इंतजाम नहीं था. एक सप्ताह में हुई तीन मासूम बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमे की नींद खुली और गांव में टीम पहुंचकर बच्चों के लिए दवा बांट रही है.


गांव में गंदगी से बना हुआ है बीमारियों का खतरा


मृतकों के परिजन मौत की वजह तेज बुखार के साथ झटके को बता रहे हैं. गांव में गंदगी और जलजमाव से बीमारियों का खतरा बना हुआ है. एक सप्ताह में तीन मासूमों की मौत के बाद स्वास्थ महकमा बेखबर रहा जबकि गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी संचालित होता है. वहीं साल 2005 से 2014 तक खोठहीं गांव में इंसेफेलाइटिस के चलते 80 के करीब बच्चों की मौतें हो चुकी हैं.


स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लगाया कैंप


गांव में जल जनित बीमारियों से बचाने और ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ओवरहेड टैंक का भी निर्माण हुआ. निर्माण के बाद ओवरहेड टैंक बेकार पड़ा हुआ है. बच्चों की मौत के बाद सीएमओ गांव में पहुंचे और पीड़ित परिजनों से मिलकर पूरी जानकारी ली. साथ ही गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुलाकर बीमार बच्चों के इलाज के लिए कैंप लगाने के निर्देश दिए. टीम ने गांव में 120 बच्चों का इलाज किया.


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