Kushinagar Hospital: उत्तर प्रदेश का कुशीनगर में अवैध तरीके से चल रहे अस्पतालों में किस तरह से इंसानों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इसका बड़ा मामला सामने आया है. यहां के रामकोला कस्बे में संचालित साईं अस्पताल में जून के महीने में एक महिला पित की थैली में पथरी की शिकायत लेकर पहुंची थी. डॉक्टरों ने उसे ऑपरेशन की सलाह दी, जिसके बाद परिजन ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए, लेकिन ऑपरेशन जिस बीमारी का होना चाहिए था वो ऑपरेशन नहीं हुआ.
डॉक्टरों ने पित की थैली में पथरी के ऑपरेशन के लिए चीरा लगाया और फिर चीरे के टांके लगाकर फिर से मरीज की छुट्टी कर दी. कुछ दिनों बाद ही महिला की हालत बिगड़ने लगी और वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की शिकार हो गई और कुछ ही समय में महिला की मौत हो गई. जिसके बाद महिला के परिजन भड़क गए और अस्पताल में जाकर जमकर हंगामा किया. हंगामा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और विभाग ने मौके पर पहुंचकर अस्पताल सील कर अपनी जिम्मेदारी पर खुद ही पीठ थपथपा कर चला गया.
बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं अस्पताल
कुशीनगर में यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि आए दिन किसी न किसी अस्पताल में मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य महकमा बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे अस्पतालों पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं. यहां पर चल रहे अवैध हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर का कुशीनगर में ऐसा हाल है कि कहीं दो कमरे में तो कहीं किराए के मकान में चलाए जा रहे हैं. इनमें ज्यादातर में झोलाछाप इलाज के नाम पर मरीजों से वसूली की जा रही है.
जिले में पिछले 7 दिनों में अवैध अस्पतालों में दर्जन से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है, हैरानी तो तब होती जब आयुर्वेदिक स्नातक की डिग्री पर डॉक्टर बनने वाले गंभीर मरीजों का भी ऑपरेशन करने से बाज नहीं आते हैं. जिसका नतीजा यह होता है कि मरीज को अपनी जान गंवानी पड़ती है. कई बार तो केस बिगड़ने पर डॉक्टर मरीज को टेबल पर ही छोड़कर फरार हो जाते हैं.
स्वास्थ्य महकमा लापरवाह
डिप्टी सीएमओ ने कहा, श्री साई हॉस्पिटल में एक घटना घटी है जब मैं यहां पर आया तो परिजनों ने बताया कि उनकी मां का जून में पथऱी का ऑपरेशन हुआ था. जिसके उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. वो बार-बार उन्हें यहां लाकर चेक कराता रहा. जिसके बाद उसकी मां की मृत्यु हो गई. हमने यहां आकर देखा जिस डॉक्टर को यहां पर परमानेंट रखा गया है, उन्हें बुलाया गया वो डॉक्टर आया नहीं जिसकी वजह से हम लोग अस्पताल को सील करके विधिक कार्रवाई करने के लिए आगे कार्य कर रहे हैं, इस तरह के अस्पतालों पर जांच करके हम लोग कार्रवाई करते हुए अस्पतालों को निरस्त कर रहे हैं.