Noida मार्च से नहीं मिला मजदूरों को वेतन, नामी एक्सपोर्ट कंपनी के श्रमिकों ने किया फैक्ट्री का घेराव
नोएडा के सेक्टर 63 में एक एक्सपोर्ट कंपनी के मजदूरों ने फैक्ट्री मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। श्रमिकों का कहना है कि प्रबंधन ने उन्हें मार्च से वेतन नही दिया है और अब उनकी हालत बहुत खराब है
नोएडा, एबीपी गंगा। नोएडा के सेक्टर 63 स्थित फैशन डिजाइनर वस्त्रों का एक्सपोर्ट करने वाली नामी कंपनी के मजदूरों ने वेतन ना मिलने पर फैक्ट्री का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला श्रमिक भी शामिल थीं. मजदूरों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन ने मार्च से कोई वेतन नहीं दिया है. प्रदर्शन की सूचना मिलते ही थाना फेज 3 की पुलिस सहित बड़ी संख्या में फोर्स मौके पर पहुंच गया और मजदूरों को समझाना बुझाना चाहा, लेकिन वे नहीं माने. तब पुलिस अधिकारियों ने फैक्ट्री के प्रबंधन और मजदूरों के बीच बातचीत कर मामले को शांत किया. कंपनी ने शुक्रवार तक मजदूरों का भुगतान कर देने की बात कही है.
फैक्ट्री का घेराव कर रहे सभी मजदूर ओरिएंट क्राफ्ट नाम की फैशन डिजाइनर वस्त्रों की एक्सपोर्ट कंपनी के हैं. इन मजदूरों का कहना है कि फैक्टरी प्रबंधन ने मार्च से वेतन नहीं दिया है. वहीं प्रबंधन का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से फैक्टरी बंद थी और उन्हें खरीदार से भुगतान नहीं मिला है, जिस वजह से मजदूरों को वेतन देने में असुविधा हो रही है. मजदूरों ने पहले वेतन देने और फिर काम करने की बात कही. जब फैक्टरी प्रबंधन ने वेतन देने में आनाकानी की तो मजदूरों ने हंगामा शुरू कर दिया. यही नहीं फैक्टरी के मुख्य गेट पर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए.
मजदूरों द्वारा किए जा रहे फैक्ट्री का घेराव और प्रदर्शन की सूचना मिलते ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया. डीसीपी ज़ोन सैकेंड हरीश चंदर ने बताया कि थाना फेस-तीन क्षेत्र के तहत आने वाले इलाके में फैशन डिजाइनर वस्त्र निर्यात करने वाली एक फैक्टरी है. यह लॉकडाउन की वजह से मार्च से बंद थी. इसे सरकार के आदेश पर खोला गया है. उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह जब मजदूर काम करने पहुंचे तो उन्होंने कंपनी प्रबंधन को अवगत कराया कि उन्हें मार्च से अब तक का वेतन नहीं मिला है. डीसीपी ज़ोन सैकेंड ने बताया कि घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मजदूरों को समझाना-बुझाना चाहा, लेकिन वे शांत नहीं हुए. तब पुलिस अधिकारियों ने फैक्ट्री के प्रबंधन और मजदूरों के बीच बातचीत कर मामले को शांत किया. कंपनी ने शुक्रवार तक मजदूरों का भुगतान कर देने की बात कही है.