कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में खून की किल्लत हो रही है. हैलट जैसे बड़े ब्लड बैंक में महज कुछ यूनिट ब्लड ही स्टॉक में है. ऐसे में थैलेसीमिया से पीड़ित मरीज परेशान हो रहे हैं. हैलेट अस्पताल में जिन्हें ब्लड नहीं मिल रहा है वो जिला अस्पताल उर्सला पहुच रहे हैं. यहां से भी उन्हें निराशा हाथ लग रही है.
परेशान हैं तीमारदार
कोरोना, लॉकडाउन और आंशिक कोरोना कर्फ्यू ने कानपुर शहर में रक्त की कमी करवा दी है. हालात ये हैं कि सोमवार को हैलेट अस्पताल को उर्सला ब्लड बैंक से गंभीर मरीजों के लिए ब्लड दिया गया. सबसे अधिक मांग थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों, गर्भवती महिलाओं और घायलों को हो रही है. रक्त ना मिलने की वजह से तीमारदारों का बुरा हाल है.
फर्रुखाबाद से मंगाया गया ब्लड
इस बीच एक ब्लड डोनेशन शिविर लगाया गया जहां से सोमवार शाम 5 बजे 30 यूनिट रक्त आ गया. उधर उर्सला अस्पताल में स्टॉक ना होने से फर्रुखाबाद से 40 यूनिट ब्लड मंगाया गया. इसमें कुछ यूनिट बी पॉजिटिव ब्लड है. फिलहाल, यहां कुल 120 यूनिट ब्लड है जिसमें सभी ग्रुप के 12 यूनिट मौजूद हैं. ब्लड बैंक में रक्त न होने का एक बड़ा कारण वैक्सीनशन भी है. वैक्सीनेशन और ब्लड डोनेशन कैम्प लगने की वजह से ब्लड डोनेशन पर फर्क पड़ा है. जानकारों की मानें तो लोग वैक्सीनशन के 40 दिन बाद ब्लड दे सकते हैं, इससे भी समस्या खड़ी हो गई है.
पुलिस को सौंपी गई जिम्मेदारी
हैलट अस्पताल की क्षमता 1600 यूनिट खून रखने की है. जबकि, उर्सला की क्षमता 400 यूनिट ब्लड स्टोरेज की है. लेकिन दोनों ही जगह रक्त की कमी है. इसी को मद्देनजर रखते हुए कानपुर पुलिस ने ब्लड डोनेशन बैंक की शुरुआत कर दी है. इस बैंक की जिम्मेदारी भी एडीसीपी डॉक्टर अनिल कुमार को ही सौंपी गई है. पुलिस कमिश्नर असीम अरुण की मानें तो ये पहल नए रिश्तों को बनाने की है.
इच्छुक लोग पुलिस से कर सकते हैं संपर्क
थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों, गर्भवती महिलाओं, सड़क हादसों में पीड़ित और लावारिस लोगों को जब खून नहीं मिलता तो उनकी दिक्कतें बढ़ जाती हैं. ऐसे लोगों की मदद के लिए ब्लड डोनेशन बैंक की शुरुआत पुलिस की तरफ से की गई है. पुलिस की अपील है कि रक्तदान के लिए इच्छुक लोग कानपुर पुलिस से संपर्क कर सकते हैं. वहीं, जिन्हें रक्त की जरूरत हो वो 7379666646 पर पुलिस से संपर्क कर सकते हैं.
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