मेरठ, एबीपी गंगा। पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में फर्जी तरीके से प्रशिक्षण लेते हुए एक महिला प्रशिक्षु को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके पास से परिचय पत्र बेल्ट और टोपी समेत अन्य सामग्री बरामद हुई हैं। पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के हवलदार मेजर ने मुकदमा दर्ज कराया है। इस प्रकार पुलिस सुरक्षा में सेंध लगा फर्जी तरीके से प्रशिक्षण ले रही महिला के पकड़े जाने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है।
यूं हुआ खुलासा
पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में हवलदार मेजर के पद पर तैनात ओतारी सिंह ने बताया कि सोमवार रात करीब आठ बजे वह महिला प्रशिक्षुओं की गिनती कर रहे थे। 401 प्रशिक्षुओं के स्थान पर 402 प्रशिक्षु मिलीं। उन्होंने दोबारा गिनती की लेकिन संख्या वही मिली। उन्होंने टोली नंबर 12 के कमांडर से बात की तो पता चला कि एक महिला प्रशिक्षु अवकाश के बाद बरेली से प्रशिक्षण पर आई है। बरेली के प्रतिसार निरीक्षक से जानकारी मांगी तो उन्होंने जानकारी होने से मना कर दिया। वार्डन उपनिरीक्षक रंजना वर्मा ने कार्यालय में पता किया तो वहां भी आमद दर्ज नहीं थी।
परिचय पत्र, बेल्ट और टोपी बरामद
तलाशी के दौरान महिला प्रशिक्षु के पास से एक परिचय पत्र, बेल्ट और टोपी समेत अन्य चीजें मिली हैं। महिला के पास प्रीति पुत्र राजकुमार निवासी जलालपुर बिजनौर और आधार कार्ड मिला है। हवलदार मेजर उतारी सिंह ने महिला के खिलाफ खरखौदा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। महिला को हिरासत में लेकर आशा ज्योति केंद्र में पूछताछ की गई।
सामने आई पुलिस महकमे की लापरवाही
गौरतलब है कि पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में जहां सुरक्षा के मद्देनजर कई चरणों पर छानबीन की जाती है, वहां इस प्रकार कई दिनों से फर्जी प्रशिक्षु का ट्रेनिंग लेना पुलिस सुरक्षा को ही कटघरे में खड़ा करता है। इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि इस महिला प्रशिक्षु को ट्रेनिंग दिलाने में पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय के ही किसी अधिकारी या इंस्टेक्टर का सहयोग हो। महिला प्रशिक्षु से अभी पूछताछ की जा रही है। लेकिन इस पूरे प्रकरण से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह तो लग ही गए साथ ही पुलिस महकमे की घोर लापरवाही भी उजागर हो गई है।
पढ़ें- पूरी जानकारी
नहटौर क्षेत्र के गांव जलालपुर असरा निवासी प्रीति प्रजापति पुत्री राजकुमार लखीमपुर खीरी जनपद से भर्ती हुई थी। उसका मेडिकल 18 मई को बिजनौर जनपद में हुआ था। इसके बाद 22 मई को वह लखीमपुर खीरी जनपद में ट्रेनिगं के लिए चली गई। वहां 12 दिन तक ट्रेनिंग करने के बाद इसे बरेली भेज दिया गया। छह से सात दिन तक बरेली के बाद मुरादाबाद भेजा। वहां से एक दिन बाद सीट फुल बताकर पीटीएस सीतापुर भेजा गया था। इस घटना से परिजन सन्न हैं। प्रीति ने पिछले साल बीकॉम की पढ़ाई मोरना डिग्री कालेज से की थी। माना जा रहा है कि किसी दलाल ने भर्ती प्रक्रिया में घुसपैठ कर उसे फर्जी ट्रेनिंग कराई है।