Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर (Lakhimpur) हिंसा मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे और आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बुधवार को जमानत मिल गई. कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा ऊर्फ मोनू को आठ हफ्ते की अंतरिम जमानत दी है. जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की पहली प्रतिक्रिया आई है.
राकेश टिकैत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "क्या आठ हफ्ते बाद फेंक दिए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट अगर ये कह रहा है कि उसके परिवार और सहयोगी ने किसी को डराया धमकाया नहीं है. उनका व्यवहार ठीक रहा है. जिस तरह की दलील दी गई है, वैसी दलील देशभर में 302 के आरोपियों को देनी चाहिए. जिससे हर कोई को जमानत मिल जाए. पता नहीं कोर्ट ने क्या देखकर बेल दी है. इस तरह के और भी केस हैं तब सबको बेल मिल जानी चाहिए."
अन्य आरोपियों को मिले बेल
किसान नेता ने कहा, "ये पहले से ही अंदेशा था, जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इसको कितने दिन तक जेल में रखा जा सकता है. वहां पहले से ही ये धारणा बन चुकी थी कि इनको बेल देनी है. इनको किस आधार पर बेल दी गई है, उसी आधार पर 302 के अन्य आरोपियों को भी बेल मिल जानी चाहिए. हमने ये कहा था कि उनको भी इसी तरह बेल दे दी जाए. हम फैसले पर कोई सवाल नहीं खड़ कर रहे हैं. जो वकील होंगे वो फैसले पर सवाल खड़े करेंगे, हम क्यों सवाल खड़े करेंगे."
उन्होंने आगे कहा, "हमने कहा था कि इस तरह के और भी केस हैं उनको भी बेल मिलनी चाहिए. जितनी शर्त इनपर लागू है उतनी ही और सबपर भी लागू हो जाएगी. जेल तो जेल होती है, जेल के बाहर हिंदूस्तान बहुत बड़ा है. नेपाल में तो बिना पासपोर्ट के जा सकते हैं. नेपाल में इनका कारोबार है, वहीं अपना कारोबार करेंगे."