Lakhimpur Violence: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के ड्राइवर और समर्थकों की पीट-पीटकर हत्या और वाहनों में तोड़फोड़, आगजनी के मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन अब तीन के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. एसआईटी ने अपनी जांच में चार आरोपियों के खिलाफ हत्या, बलवा, आगजनी, तोड़फोड़ और उकसाने समेत कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल की है. सरदार विचित्तर सिंह, गुरविंदर सिंह, गुरप्रीत और कमलजीत को एसआईटी ने आरोपी बनाया है. वहीं, रंजीत सिंह, अवतार सिंह और सोनू को जांच में निर्दोष पाया गया है, जिसके बाद जल्द ही तीनों को जेल से रिहा किया जा सकता है.
इससे पहले एसआईटी ने ये भी माना था कि तिकुनिया कांड के वक्त थार जीप में आशीष मिश्रा मौजूद था, लेकिन आशीष मिश्रा लगातार अपनी मौजूदगी से इनकार कर रहा था. जांच में ये भी पाया गया था कि मौके पर फायरिंग भी की गई थी, जिसमें आशीष, अंकित और लतीफ के नाम सामने आए थे. आशीष मिश्रा की राइफल से नंदन सिंह ने फायरिंग की थी. अंकिता दास ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग की. लतीफ़ उर्फ़ काले ने रिपीटर गन से फ़ायरिंग की.
जानें- क्या था पूरा मामला
एसआईटी ने पांच हजार पन्नों की चार्जशीट तैयार की, जिसमें इन सभी बातों को रखा गया था. बता दें कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को चार किसानों को एसयूवी कार द्वारा कथित तौर पर कुचल दिया गया था, जब वे एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे.
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