Lakhimpur Kheri Case: यूपी (UP) के लखीमपुर खीरी केस को लेकर एक बड़ी ख़बर सामने आई है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस केस के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत रद्द कर दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) का फैसला रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ितों को हर कार्यवाही में सुनवाई का अधिकार है. इस मामले में पीड़िता को सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में आरोपी आशीष मिश्रा सरेंडर करें.


आशीष मिश्रा की जमानत रद्द होते ही इस पर इस तमाम लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है. स्‍वराज इंडिया के अध्‍यक्ष योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर लिखा, "देर है, मगर अंधेर नहीं, कम से कम इस केस में. शुक्रिया प्रशांत भूषण और दुष्यंत दवे जी." इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिल्कुल ठीक है. राकेश टिकैत ने कहा कि अब हम आगे की रूपरेखा बनाएंगे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद रहती है कि वह पीड़ित पक्ष की बात सुने. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पीड़ित पक्ष को सुना जाए.


राकेश टिकैत ने की गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग


राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार से उम्मीद रहती है कि वह पीड़ित पक्ष के साथ खड़ी हो. हम 24-25 अप्रैल को लखीमपुर खीरी जा रहे हैं. वहां पर हम वकीलों और पीड़ित पक्ष के परिवार से बात करेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि पीड़ित पक्ष के परिवार से मुलाकात के बाद हम आगे की रूपरेखा बनाएंगे. हम सरकार से भी बात करेंगे. राकेश टिकैत गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं. उन्होंने कहा कि अजय मिश्रा के दबाव में ही सारी चीजें होती हैं. राज्य सरकार भी दबाव में रहती है, क्योंकि वो केंद्र में हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उम्मीद है कि हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा.


10 फरवरी को मिली थी जमानत


गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 10 फरवरी को लखीमपुर खीरी केस के आरोपी आशीष मिश्रा जमानत दे दी थी. इससे पहले आशीष मिश्रा लगभग चार महीने तक जेल में रहा था. इसके बाद 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और आशीष मिश्रा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था कि आशीष मिश्रा की जमानत रद्द क्यों न की जाए? सुप्रीम कोर्ट ने गवाह पर हमले के मुद्दे पर भी चिंता जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विस्तृत जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को सभी गवाहों की सुरक्षा करने का निर्देश दिया था. 


पिछले साल 3 अक्टूबर को हुई थी घटना


आपको बता दें कि पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को कार ने कुचल दिया था. इसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था. साथ ही एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी.


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